दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियों के पुनर्वास करने को लेकर अब दिल्ली सरकार एक नई नीति और इससे संबंधित मास्टर प्लान तैयार करने जा रही है। दिल्ली सरकार की ओर से तैयार की जाने वाली इस नई सर्वग्राह्य नीति को मंजूरी देने के बाद यह उन सभी विभागों और एजंसियों पर लागू होगी, जिनकी जमीन पर झुग्गी झोपड़ी बस्तियां बसी हैं। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों को झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास करने को लेकर इस नई नीति का एक समान अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस नीति के माध्यम से उन तमाम झुग्गी बस्तियों को प्राथमिकता के आधार पर उसी स्थान पर या फिर आसपास के क्षेत्र में पुनर्वासित किया जाएगा, जिससे झुग्गियों में रहने वाले लोगों को अपनी जीविका और सामाजिक संरचना से समझौता न करना पड़े।
गृहमंत्री अमित शाह ने इसको लेकर हाईप्रोफाइल मीटिंग की है
सूत्र बताते हैं कि हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इस विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि झुग्गियों के पुनर्वास को लेकर एक समग्र नीति तैयार की जाए, जो सभी एजंसियों के लिए समान रूप से लागू हो और जिनमें कोई भ्रम या असहमति न रहे। इस नीति की रूपरेखा 15 दिनों के भीतर तैयार की जानी है।
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार और शहरी कार्य मंत्रालय को कहा है कि राजधानी में झुग्गी-झोपड़ियों के अलावा अनाधिकृत कालोनियां तथा पुनर्वास कालोनियां भी हैं। इनको लेकर भी अलग से एक समग्र नीति तैयार करने पर विचार किया जाए। बैठक में सभी विभागों को साफ कर दिया गया कि जब तक झोपड़ियों की समग्र पुनर्वास की नीति निर्धारित नहीं हो जाती, किसी भी अभिकरण (आथोरिटी) को कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करनी है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन सहित दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में डीडीए, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित थे।