दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में सेना के एक हवलदार फरीद खान को गिरफ्तार किया है। यह इस सिलसिले में अबतक हुई पांचवी गिरफ्तारी है। उसे रविवार को पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में गिरफ्तार किया गया। उस पर गोपनीय सूचनाएं संदिग्ध खुफिया तत्वों से साझा करने का आरोप है। पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर उसे दिल्ली ला रही है। फरीद सिलीगुड़ी में तैनात था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अनुरोध पर सेना ने उसे पकड़ा था।
इस बीच, रजौरी गई अपराध शाखा की एक 14 सदस्यीय टीम शनिवार को गिरफ्तार किए गए मुनव्वर अहमद मीर और सबर को लेकर दिल्ली लौट आई है। दोनों को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव ने रविवार को कहा कि अपराध शाखा की एक आठ सदस्यीय टीम ने सिलिगुड़ी जाकर फरीद खान को रविवार को गिरफ्तार किया। उसे सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।
स्थानीय अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड हासिल कर पुलिस उसे लेकर दिल्ली आ रही है। यादव ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने वाले कैफतुल्ला खान की अगुवाई वाले जासूसी रैकेट के सिलसिले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है। कैफतुल्ला को 26 नवंबर को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। इस रैकेट में गिरफ्तार होने वाला वह पहला शख्स था। वह जासूसी के लिए और लोगों की भर्ती के लिए भोपाल जा रहा था। इसके बाद बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल राशिद, थलसेना के पूर्व हवलदार मुनव्वर अहमद मीर और सरकारी स्कूल के शिक्षक सबर को गिरफ्तार किया गया। सबर को जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस के मुताबिक फरीद पहले राजौरी में लाइट इनफैंट्री यूनिट में तैनात था। फरीद इस मामले में गिरफ्तार स्कूल शिक्षक मोहम्मद सबर के संपर्क में था। सबर ने ही उसकी मुलाकात कैफतुल्ला खान से कराई थी। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा कि फरीद ने ‘सर्जन’ कोड नाम का इस्तेमाल किया। वह पुलिस की नजर में तब आया जब उन्हें खान के पास से एक सीडी मिली। इसमें बातचीत रिकॉर्ड थी। यादव ने बताया कि फरीद को थलसेना ने हिरासत में लेकर उसे अपराध शाखा की टीम को सौंपा। उन्होंने बताया कि फरीद के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिला है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त सबूत हैं।