दिल्ली में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पदक पद्म भूषण की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। साकेत इलाके में रहने वाले एक पूर्व कुलपति के घर से पद्म भूषण पदक चोरी हो गए। दिलचस्प बात यह है कि इस चोरी का पता पदक के मालिक को भी नहीं था बल्कि खुद चोरों की करतूत की वजह से चोरी का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कालकाजी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक पूर्व कुलपति के घर उनके सहायक ने पद्म भूषण पदक चोरी कर लिया। चोरी की यह पोल मंगलवार को उस वक्त खुली जब कुछ लोग पद्म भूषण पदक को बेचने के लिए एक आभूषण विक्रेता की दुकान पर पहुंचे। चूंकि इस मेडल पर पद्म भूषण लिखा हुआ था इसलिए ज्वैलर दिलीप ने इस मेडल को खरीदने से इनकार कर दिया। साथ ही कालिंदी कुंज पुलिस स्टेशन में फोन लगा दिया। हालांकि इस बीच तीनों दुकान छोड़कर किसी और सुनार के पास चले गए।
पदक पर पद्म भूषण लिखा देख ज्वैलर ने लगाया पुलिस को फोन
दक्षिणी पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को कालकाजी थाना क्षेत्र में आभूषण की दुकान चलाने वाला दिलीप के पास हरि सिंह, रिंकी और वेद प्रकाश पद्म भूषण पदक बेचने के लिए पहुंचे थे। शक होने पर दिलीप ने उन्हें खरीदने से इनकार कर दिया और इसकी जानकारी कालकाजी थाना पुलिस को दी। हालांकि, जब तक पुलिस टीम पहुंची आरोपी मौके से फरार हो चुके थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की एक टीम गठित की गई।
दिलीप ने बताया कि आरोपियों ने कहा था कि वे मदनपुर खादर के रहने वाले हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य माध्यमों से आरोपियों की पहचान की। पुलिस ने इस मामले में जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान मदनपुर खादर निवासी श्रवण कुमार (33), हरि सिंह (45), रिंकी देवी (40), वेद प्रकाश (39) और प्रशांत विश्वास (49) के तौर पर की गई है। आरोपी श्रवण कुमार पद्म भूषण पदक से सम्मानित जीसी चटर्जी के घर सहायक (मेडिकल असिस्टेंट) के तौर पर काम करता था।
पुलिस ने लौटाया पदक
सबसे पहले हरि सिंह, रिंकी देवी और वेद प्रकाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनसे की गई पूछताछ पर पता चला कि पद्म भूषण पदक से सम्मानित जीसी चटर्जी के घर आरोपी श्रवण काम करता है। उसी ने चोरी की थी। बाद में पुलिस टीम ने श्रणव को भी दबोच लिया। उसके बाद पुलिस ने आरोपी प्रशांत विश्वास को भी दबोचा, जो इलाके में आभूषण की दुकान चलाता है। पुलिस ने बताया कि इनकी निशानदेही पर पद्म विभूषण पदक बरामद कर लिया गया है।
पद्म भूषण मिलने के बाद पुलिस ने जीसी चटर्जी के परिवार से संपर्क किया और उनके पोते समरेश चटर्जी को पदक सौंप दिया। जीसी चटर्जी पंजाब विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। इसके साथ ही वह यूपीएससी के सदस्य और नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष में रहे हैं। उन्हें पद्म भूषण पदक से सम्मानित किया गया था।
निर्भय पांडे की रिपोर्ट