दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 2 छात्रों को धमका कर वसूलने के आरोप में निलंबित दिल्ली पुलिस के हेडकांस्टेबल को अदालत ने जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की कहानी पक्की नहीं जान पड़ती। मालूम हो कि हेडकांस्टेबल राज सिंह पर डीयू के 2 छात्रों को मादक पदार्थों की तस्करी के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उनसे 10 लाख रूपए वसूलने का आरोप था। अदालत ने सिंह को 50 हजार रूपए के मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया और कहा कि शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश पंडित ने कहा कि अभियोजन की पूरी कहानी पक्की नहीं है। अदालत ने इस मामले में एक अन्य निलंबित आरोपी ASI मुकेश को भी अग्रिम जमानत दे दी और उन्हें जांच में शामिल होने तथा जांच में हस्तक्षेप नहीं करने या गवाहों पर दबाव नहीं डालने का निर्देश दिया। इस मामले में मुकेश के अलावा दो अन्य आरोपी हरजिंदर और उनके साथी विपिन हैं।
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सिंह के वकील राजेश शर्मा ने इस आधार पर जमानत मांगी कि इन पुलिसकर्मियों के उनकी ड्यूटी को लेकर कई दुश्मन हैं तथा शिकायतकर्ता और उसके साथियों ने उनकी हत्या करने के इरादे से उन्हें अगवा किया। लेकिन जब उनकी दाल नहीं गली तब उन्होंने जबरन वसूली की कहानी गढ़ डाली। अभियोजन के अनुसार 3 पुलिस अधिकारियों ने 2 लड़कों को 10 अप्रैल को कथित रूप से उठा लिया था। उन्होंने उन्हें मादक पदार्थ कानून में फंसाने की धमकी देकर उनसे कथित रूप से 10 लाख रूपए मांगे। इन लड़कों ने पुलिस अधिकारियों को 28 हजार रूपए दिए और 50 हजार की दूसरी किश्त कुछ घंटे बाद देने की बात कही। जब राज सिंह और विपिन लड़कों से बात करने शाम को दक्षिण दिल्ली के सत्यनिकेतन पहुंचे तब वहां झगड़ा हो गया। विपिन भाग गए जबकि राज सिंह पकड़े गए और उन्हें साउथ कैंपस थाने में ले जाया गया।