Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो के सभी कॉरिडोर पर यात्री सफर के साथ माल की ढुलाई भी होगी। मेट्रो में सिर्फ नॉन-पीक आवर में ही माल ढुलाई होगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मुताबिक, इसने इस उद्देश्य के लिए लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर ब्लू डार्ट के साथ एक एमओयू पर साइन किए हैं। इस उद्देश्य के लिए मेट्रो के आखिरी कोच का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें यात्रियों की आवाजाही कम होती है। डीएमआरसी के प्रवक्ता ने बताया कि ब्लू लाइन पर कुछ दिनों के लिए कुछ शुरुआती ट्रायल किए गए हैं और धीरे-धीरे इसे अलग-अलग लाइनों पर बढ़ाया जाएगा। डीएमआरसी ने प्रोजेक्ट के लिए कोई भी सटीक डेडलाइन बताने से साफ मना कर दिया।
पॉल्यूशन कम करने में भी अहम साबित होगी सर्विस
मेट्रो सिस्टम का इस्तेमाल माल ढुलाई के लिए करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन भारत के शहरी रेल परिवहन सिस्टम में अभी तक इसे सही तरह से आजमाया नहीं गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का कहना है कि इस पहले से सड़क पर मालवाहक वाहनों का दबाव काफी कम होगा। यह पहल दिल्ली में पॉल्यूशन कम करने में कारगर साबित हो सकती है। नॉन पीक आवर्स में मेट्रो में काफी कम भीड़ होती है। डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो के जरिए माल को एक जगह से दूसरी जगह जल्दी पहुंचाया जा सकेगा।
रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नया ऑप्शन
डीएमआरसी के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया भर में मेट्रो प्रणालियां अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नए ऑप्शन की खोज कर रही है। इसी कड़ी में स्पेन की मैड्रिड मेट्रो ने मेट्रो ट्रेनों के जरिए पार्सल परिवहन के लिए लॉजिस्टिक कंपनियों के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इससे पॉल्यूशन में कमी आएगी और सड़कों पर दबाव भी काफी कम होगा। डीएमआरसी भी मैड्रिड मेट्रो के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है।
कोरोना काल के बाद दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले लोगों की संख्या में काफी गिरावट आई थी। इसका असर रेवेन्यू पर भी बहुत पड़ा था। हालांकि अब दैनिक यात्री संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है, लेकिन केंद्र सरकार देशभर के मेट्रो सिस्टम से फायदा उठाने पर खास ध्यान दे रही है। बता दें कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो ने काफी विस्तार किया है। इसका कुल नेटवर्क करीब 393 किलोमीटर लंबा है और इसमें 288 स्टेशन हैं। एक दिन में 78 लाख से ज्यादा यात्रियों ने किया सफर