पूर्वोत्तर दिल्ली (Northeast Delhi) में फरवरी 2020 में सांप्रदायिक दंगे (communal riots) भड़के थे। लेकिन जब कल एमसीडी चुनाव (MCD Elections) के परिणाम आये तो वहां भाजपा ने जिले के 19 वार्डों में से 12 पर जीत हासिल की। जबकि आम आदमी पार्टी ने चार और कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई। दंगों के बाद 2022 में एमसीडी चुनाव इस क्षेत्र में होने वाला पहला बड़ा चुनाव था।
भाजपा के लिए 2017 में जीते कई नेता जिले में बहुमत के साथ फिर निर्वाचित हुए हैं। करावल नगर में भाजपा की शिमला देवी ने आप की आशा बंसल को 9,000 से अधिक मतों से हराया। वहीं 2017 में बीजेपी नेता पुनीत शर्मा ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। शिमला देवी ने कहा, “दंगों ने घरों और जीवन को नष्ट कर दिया लेकिन हमने इसे अपने काम को प्रभावित नहीं होने दिया। हम इससे प्रभावित नहीं हुए कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं। हमने क्षेत्र में पार्कों और स्वच्छता की बेहतरी के लिए काम किया। मेरा मानना है कि लोगों ने इसे देखा और मुझ पर भरोसा किया। मुझे खुशी है कि उन्होंने मुझे वोट दिया और मुझे जिता दिया।”
करावल नगर (पश्चिम) में भाजपा (BJP) के सत्यपाल सिंह दोबारा पार्षद चुने गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मीडिया और लोगों के बीच पार्टी को लेकर एक मानसिकता है। हम लोगों के लिए ही काम करते हैं। वे पार्टी पर भरोसा करते हैं और जानते हैं कि किसी भी दंगे से पार्टी का काम प्रभावित नहीं होगा।”
भाजपा ने कोंडली, मौजपुर, दयालपुर, सुभाष मोहल्ला और यमुना विहार में भी सीटें जीतीं हैं। नेहरू विहार में जहां आप पार्षद ताहिर हुसैन पर दंगे कराने का आरोप लगाया गया था और गिरफ्तार किया गया था, वहां AAP को बीजेपी के अरुण सिंह भाटी ने हरा दिया है।
आप के छाया गौरव शर्मा ब्रह्मपुरी से जीते हैं और भाजपा नेता राज कुमार को हराया है, वहीं कांग्रेस (Congress) की नाजिया खातून और सबीला बेगम ने बृजपुरी और मुस्तफाबाद से जीत हासिल की, जहां 2020 में दंगे हुए थे।
नंद नगरी सीट से आप (AAP) के रमेश कुमार बिसैया ने बीजेपी के के आर रिंकू को 54 वोटों से हराया। उन्होंने कहा, “बीजेपी ने इलाके में कुछ नहीं किया और दंगों के बाद भी वे चुप रहे। लोग उन्हें वोट क्यों देंगे? हम लोगों के लिए काम कर रहे हैं और एमसीडी में भी ऐसा ही करेंगे।”