Delhi MCD Election : इस साल की शुरुआत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बड़े पैमाने पर विरोध का नेतृत्व करने वाले दिल्ली राज्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने घोषणा की है कि वह आगामी नगर निकाय चुनावों में आप और भाजपा दोनों का बहिष्कार करेंगे।  

वेतन में पर्याप्त वृद्धि की प्राथमिक मांग के साथ सैकड़ों श्रमिकों और सहायकों ने 31 जनवरी को हड़ताल शुरू की थी।  उन्होंने मांग की थी कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देने के साथ-साथ इससे मिलने  वाली सभी सुविधाएं और लाभ दिए जाएं। उन्हें मानद कार्यकर्ता माना जाता है। मार्च में दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा हरियाणा आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम  लागू करने के बाद हड़ताल समाप्त हुई। हड़ताल के बाद  884 श्रमिकों और सहायकों को उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया था।  

“दोनों पार्टियों ने किया है मजदूरों का दमन”

दिल्ली राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका संघ की प्रमुख शिवानी कौल ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इन दोनों दलों के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं के अपने-अपने क्षेत्रों में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया है। आज वोट बैंक की राजनीति के लिए भले ही ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे को कीचड़ में फंसाने की कोशिश कर रही हों लेकिन बात जब मजदूरों के अधिकारों के दमन की आती है तो दोनों पार्टियां साथ-साथ नजर आती हैं।

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“मांगे नहीं मानी गयी तो हड़ताल करेंगे”

कौल ने आगे कहा कि इन दोनों पार्टियों को न सिर्फ 22 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वोट नहीं देंगे बल्कि उनके परिवार और साथी भी इनका सक्रिय रूप से बहिष्कार करेंगे। हम इन दोनों पार्टियों की पूरी ‘वोट बंदी’ के लिए दिल्ली की जनता के बीच भी प्रचार करेंगे। कौल ने यह भी कहा कि अगर बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो यूनियन किसी भी दिन हड़ताल पर जाएगी।

सभी चुनावी दलों ने हमेशा आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं को वोट बैंक के रूप में और अभियानों के लिए इस्तेमाल किया है। वे अवगत हैं कि इस देश के कोने-कोने में श्रमिकों की पहुंच है। दिल्ली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं इसी बिंदु का इस्तेमाल करते हुए उन सभी पार्टियों को निशाना बनाएंगी जिन्होंने उनकी न्यायोचित और संवैधानिक मांगों को सुनने के बजाय उन्हें बर्खास्त कर दिया।