दिल्ली में मेयर पद का चुनाव बुधवार (26 अप्रैल, 2023) को होना है। इसमें आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय और भारतीय जनता पार्टी की शिखा राय के बीच सीधा मुकाबला है। शैली ओबेरॉय मौजूदा महापौर हैं। वह 22 फरवरी को दिल्ली की महापौर चुनी गई थीं और भाजपा की रेखा गुप्ता को उन्होंने 34 वोटों के अंतर से हराया था। इस दौरान, शैली को 150 वोट मिले, जबकि रेखा गुप्ता को 266 में से 116 वोट मिले थे।

अधिकारियों ने बताया कि 26 अप्रैल को ही मेयर पद का चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था, जिनमें आप की शैली ओबेरॉय और भाजपा की शिखा राय शामिल हैं। दिल्ली में महापौर पद के लिए बारी-बारी से एक-एक साल के पांच कार्यकाल के लिए चुनाव होता है। पहले साल में मेयर का पद महिलाओं, जबकि तीसरे साल में आरक्षित श्रेणी के लिए होता है। बाकी के तीन सालों (दूसरे, चौथे और पांचवें) में यह पद अनारक्षित श्रेणी के लिए होता है। आधिकारिक सूत्रों ने तीन अप्रैल को कहा था कि नए महापौर के चुनाव तक ओबेरॉय पद पर बनी रहेंगी।

आज ही डिप्टी मेयर पद का भी चुनाव होना है। इसमें भाजपा ने सोनी पांडे और आम आदमी पार्टी ने आले मोहम्मद इकबाल को मैदान में उतारा है। सोनी पांडे दिल्ली के सोनिया विहार वार्ड का प्रतिनिधित्व करती हैं। वहीं, आले मोहम्मद इकबाल वार्ड 76 चांदनी महल से पार्षद हैं। वहीं, शैली ओबेरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं, जबकि शिखा राय ग्रेटर कैलाश-1 वार्ड से पार्षद हैं।

मेयर और डिप्टी मेयर के लिए एमसीडी चुनाव गुप्त मतदान द्वारा आयोजित किया जाता है, और दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है। निर्वाचक मंडल 250 निर्वाचित पार्षदों, 14 विधायकों और 10 सांसदों से मिलकर बना होता है। 4 दिसंबर को हुए निकाय चुनावों में 250 नगरपालिका वार्डों में से आप ने 134 पर जीत हासिल की थी। एमसीडी के इतिहास में सिर्फ आठ मेयर ऐसे थे, जो एक साल से अधिक समय तक अपने पद पर रहे और अगर ओबेरॉय आज मतदान जीतती हैं तो वह ऐसी नौवीं मेयर होंगी।

एमसीडी रिकॉर्ड के मुताबिक, शामनाथ 1960 से 1962 तक दिल्ली के मेयर रहे, उनके बाद नूरुद्दीन अहमन (1965-1967), हंसराज गुप्ता (1967-1972), केदारनाथ साहनी (1972-1975), राजेंद्र गुप्ता (1977-1980), महेंद्र सिंह साथी (1983-1990), शांति देसाई (2000-2002), और आरती मेहरा (2007-2009)। 2012 में तीन भागों में बंटने के बाद 2022 तक एमसीडी के पास 30 मेयर थे।