दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर से ठन गई है। एलजी वीके सक्सेना ने झुग्गी-झोपड़ियों और अनधिकृत कॉलोनियों का दौरा किया और इसको लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच ठन गई।

जनसुविधाओं की कमी की शिकायतें लगातार मिल रही- वीके सक्सेना

वीके सक्सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, “दिल्ली के हर हिस्से से जनसुविधाओं की कमी की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसी सिलसिले में कल मैं गोलाकुआं तेहखंड और संजय कॉलोनी, ओखला स्थित जेजे क्लस्टर गया और वहां की जमीनी हकीकत देखी। निष्क्रियता और असंवेदनशीलता का इससे अधिक ज्वलंत उदाहरण नहीं मिल सकता है।”

इसके बाद AAP सरकार ने भी जवाब दिया। AAP सरकार ने यह आरोप लगाते हुए जवाब दिया कि जब से वीके सक्सेना एलजी बने, तब से उनके निर्देश पर लगभग 3 लाख झुग्गी-झोपड़ी वाले बेघर हो गए हैं।

दिल्ली सरकार के एक सूत्र ने वीके सक्सेना पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जब से उन्होंने पदभार संभाला है, उन्होंने इतनी झुग्गियां तोड़ दी हैं, जितनी दिल्ली में पहले कभी नहीं गिराई गईं।” सूत्र ने कहा, “डेढ़-दो वर्षों में एलजी साहब के निर्देशों के तहत लगभग 3 लाख झुग्गीवासी बेघर हो गए हैं। उनके आदेश पर महरौली में घोसिया कॉलोनी को अनुचित तरीके से ध्वस्त करने का प्रयास किया गया था। जब केजरीवाल सरकार ने वहां रहने वाले लोगों की आवाज अदालत में उठाई, तो उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी।”

LG ने लोगों को बेघर किया

सूत्र ने आरोप लगाते हुए कहा, “पिछले कुछ दिनों में एलजी साहब ने कई लोगों को बेघर कर दिया है। इस वजह से अब चुनाव से पहले उन्हें यह नाटक करना पड़ रहा है। वह जानते हैं कि इस बार दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गियों में रहने वाले लोग भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे।”

इस बीच एलजी हाउस के सूत्रों ने दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया को स्पष्ट झूठ बताया। जवाब में कहा गया कि एलजी के निर्देशों पर एक भी झुग्गी को नहीं हटाया गया था। एलजी हाउस के सूत्रों ने दावा किया, “वास्तव में कई मौकों पर एलजी के हस्तक्षेप के कारण विध्वंस रोक दिया गया है।”