उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) में तैनात आठ अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। एलजी ऑफिस के अधिकारियों ने कहा कि साल 2023 की शुरुआत में दो शिकायतें मिलीं थीं जबकि 6 शिकायतें 11 मई 2023 के बाद आयीं थीं, जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हक में फैसला दिया था।

AAP सरकार पर उत्पीड़न का आरोप

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से शनिवार को दावा किया गया कि आप सरकार ने दिल्ली सरकार और एमसीडी में काम करने वाले अधिकारियों का उत्पीड़न किया है। उन्हें पिछले कुछ महीनों में अधिकारियों के उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं। कुछ शिकायतें दिल्ली के साथ-साथ पंजाब सरकार से भी संबंधित हैं। मामले में दिल्ली सरकार का पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले अधिकारियों की ओर से भी तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकारों ने पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रतिशोध में उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को परेशान करना शुरू कर दिया है। वहीं, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अगर कोई शिकायत है तो उसे देखने के बाद ही आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी जा सकती है।

परिवारवालों को किया जा रहा परेशान

आप सरकार के खिलाफ शिकायत करने वालों में पांच आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं जिनमें मुख्य सचिव नरेश कुमार, पूर्व सेवा सचिव आशीष मोरे, विशेष सचिव किन्नी सिंह और वाईवीवीजे राजशेखर और ऊर्जा सचिव शूरबीर सिंह शामिल हैं। भ्रष्टाचार विरोधी शाखा के प्रमुख और आईपीएस अधिकारी मधुर वर्मा, IRS अधिकारी और MCD के गृह कर विभाग में कलेक्टर कुणाल कश्यप, और सेवा विभाग में तैनात उप सचिव अमिताभ जोशी भी उन अधिकारियों में शामिल हैं जिन्होंने शिकायत की है।

पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप

पंजाब के रहने वाले मधुर वर्मा और शूरबीर सिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उनके गृह राज्य में उनके परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि शूरबीर सिंह ने एलजी कार्यालय को सूचित किया है कि उन्होंने अपने परिवार के उत्पीड़न के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, पंजाब की आप सरकार ने अधिकारियों की शिकायतों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।