Azam Khan: दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है। आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार ने समाजवादी पार्टी (एसपी) नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान के खिलाफ 66 एफआईआर दर्ज की थीं।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने विजय कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सिंह कानूनों का उल्लंघन करते हुए 2015 से उत्तर प्रदेश में तैनात हैं।
कोर्ट ने कहा कि सेवा मामलों में एक जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और केवल गैर-नियुक्त व्यक्ति ही सफल उम्मीदवार/अधिकारी की वैधता या विस्तार पर हमला कर सकते हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस कोर्ट का मानना है कि वर्तमान रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।
याचिकाकर्ता विजय कुमार ने जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार को उनके अभ्यावेदन पर विचार करने और समयबद्ध तरीके से निर्णय लेने और सिंह की अवैध पोस्टिंग के संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की थी।
कुमार ने कहा कि सिंह साल 2015 से प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश में तैनात हैं और उनकी पोस्टिंग के साथ-साथ आगे का विस्तार अखिल भारतीय सेवा नियमों के नियम 6 (2) (ii) और संबंधित कैडर के खंड 15 और 16 के खिलाफ है। जिसके बाद कोर्ट ने विजय कुमार की याचिका पर विचार किया और खारिज कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए आजम खान और उनके बेटे के खिलाफ कार्रवाई की। खान ने इन एफआईआर के संबंध में अपना दोष स्वीकार कर लिया था और जेल भी गए थे। सिंह वर्तमान में मुरादाबाद के मंडलायुक्त के पद पर तैनात हैं।
कौन हैं आजम खान का किला ध्वस्त करने वाले IAS आंजनेय कुमार सिंह?
2005 के सिक्किम कैडर के आईएएस अफसर आंजनेय कुमार सिंह का जन्म यूपी के मऊ जिले के सलाहाबाद गांव में हुआ था। इनके पिता डॉक्टर महेंद्र सिंह डीसीएसके पीजी कालेज मऊ से जियोग्राफी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष और चीफ प्रॉक्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं।
सपा शासनकाल में 16 फरवरी 2015 को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आंजनेय कुमार सिंह उत्तर प्रदेश में आए। उसके बाद से ही उन्होंने कानून व्यवस्था के प्रति अपना सख्त रूख अपनाना प्रारंभ कर दिया था। फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव के समय सपा के पूर्व मंत्री और सांसद आजम खान द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उन्होंने आजम खान और उनके करीबियों पर कड़ी कार्यवाही की।