New Liquor Policy Row: नई आबकारी नीति पर बवाल के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति वापस लेते हुए शराब की सरकारी दुकानें खोलने के निर्देश दिए हैं। इस मामले को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने शराब की दुकानों के लाइसेंसधारियों और आबकारी विभाग के अधिकारियों को धमकाने के लिए सीबीआई एवं ईडी का इस्तेमाल किया ताकि नई आबकारी नीति विफल हो जाए। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) दुकानदारों, अधिकारियों को ईडी और सीबीआई से धमका रहे हैं, वे चाहते हैं कि दिल्ली में कानूनी शराब की दुकानें बंद हों और अवैध दुकानों से पैसा कमाया जाए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि हमने नई आबकारी नीति वापस ले ली है और शराब की सरकारी दुकानें खोलने का निर्देश दिया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग गुजरात की तरह दिल्ली के दुकानदारों, अधिकारियों को धमकाकर मिलावटी, शुल्क-मुक्त शराब की बिक्री को बढ़ावा देना चाहते हैं।
राजस्व में इजाफे का दिया हवाला
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा, “हम भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नई शराब नीति लाए। इससे पहले सरकार को 850 शराब की दुकानों से करीब 6,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था। लेकिन, नई नीति के बाद हमारी सरकार को उतनी ही दुकानों के साथ 9,000 करोड़ रुपये से अधिक मिल रहे होंगे। नई आबकारी नीति वापस लेने के बाद सिसोदिया ने कहा कि मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इस बदलाव के दौरान कोई अराजकता की स्थिति पैदा न हो।
सिसोदिया के नई आबकारी नीति को वापस लेने के ऐलान पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर (@Sunny05323971) ने लिखा, “तो आपकी सरकार नीति क्यों बदल रही है? सारे तथ्यों के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाइए? या आपके पास फैक्ट नहीं हैं?”