दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (9 अप्रैल) को कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में हर महीने 15 दिन सम-विषम प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर ‘‘गंभीरता’’ से विचार कर रही है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हर महीने एक पखवाड़े के दौरान इसे लागू किये जाने पर विचार किया जा रहा है क्योंकि मजबूत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के बिना इसे स्थायी नहीं किया जा सकता।
सम-विषम प्रणाली जो राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर से 15 अप्रैल से लागू होगा उसमें पहले चरण की तुलना में एकमात्र बड़ा बदलाव ये है कि स्कूल यूनिफार्म में बच्चों को ले जा रही कार को इससे छूट रहेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वीआईपी, सीएनजी कारों, महिलाओं द्वारा चलायी जा रही कारों, आपात चिकित्सा स्थिति एवं विकलांग लोगों को ले जा रही कारों को इस नियम से छूट मिलेगी।
केजरीवाल ने इस बात को स्वीकार किया कि स्कूल यूनिफार्म में बच्चों को ले जाने वाली कारों को छूट के दायरे में रखना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ऐसे सभी वाहन बच्चों को स्कूल से वापस लाने के लिए खड़े नहीं रह सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस मामलों में दो चीजें हो सकती हैं। पहले मामले में एक वाहन बच्चे को स्कूल में छोड़ता है, वहीं खड़ा रहता है और बच्चे को वापस लेकर लौटता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ऐसे भी मामले हो सकते हैं कि एक तरफ से कार में बच्चा मौजूद नहीं हो। ऐसे में थोड़ी परेशानी हो सकती है।’’