दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में फर्नीचर की कमी को दूर करने के लिए तिहाड़ जेल फैक्ट्री से 10,000 ड्यूल डेस्क खरीदने को मंज़ूरी दे दी है। दिल्ली कैबिनेट द्वारा मंज़ूर किया गया यह फ़ैसला, सरकारी स्कूलों में लगभग 25,000 डेस्क की कुल माँग को पूरा करने की योजना का हिस्सा है। सरकार ने कहा कि तिहाड़ जेल से डेस्क मंगवाने से कैदियों के पुनर्वास और कौशल विकास में मदद मिलती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि तिहाड़ में बना फर्नीचर पीडब्ल्यूडी मानकों के अनुरूप है और बाजार भाव से लगभग 25% सस्ता है।
सीएमओ दिल्ली ने कहा कि इस फ़ैसले से न सिर्फ़ सरकारी स्कूलों में फ़र्नीचर की कमी दूर होगी बल्कि तिहाड़ में काम करने वाले कैदियों के लिए रोज़गार, कौशल विकास और पुनर्वास के बेहतर अवसर भी उपलब्ध होंगे। यह कदम न सिर्फ़ शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने बल्कि सामाजिक पुनर्वास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
127 सरकारी स्कूलों में 23,321 ड्यूल डेस्क की ज़रूरत
अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने अप्रैल में एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें पाया गया था कि 127 स्कूलों में 23,321 ड्यूल डेस्क की ज़रूरत है। बाद में इस संख्या को बढ़ाने का अनुरोध भी किया गया। खरीद के पहले चरण में स्कूलों को 10,000 डेस्क उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनकी अनुमानित लागत 8.95 करोड़ रुपये होगी, जिसमें जीएसटी, परिवहन और सहायक व्यय शामिल हैं। शिक्षा विभाग ने फर्नीचर खरीद के लिए 2025-26 के बजट में 20 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया था।
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ठंड से बचाव के लिए रेखा गुप्ता के निर्देश
वहीं, दूसरी ओर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की शीतकालीन कार्ययोजना के तहत अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचाने के लिए कंबल या अन्य आवश्यक सामग्रियों की कोई कमी न हो। उन्होंने दिल्ली सचिवालय में कार्ययोजना की तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में सभी रैन बसेरे पूर्ण क्षमता के साथ चालू हैं। उन्होंने विभागों को यह भी निर्देश दिया कि वे ठंड से स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों की पहचान कर उन्हें लागू करें। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी और बाल देखभाल केंद्रों में भी ठंड से बचाव की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सरकारी भवनों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए हीटर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी आदेश जारी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में दिल्ली में लगभग 18,000 लोगों की क्षमता वाले 197 स्थायी रैन बसेरे संचालित हैं। विभिन्न इलाकों में 250 अस्थायी रैन बसेरों की योजना बनाई गई है, जिनमें से 204 स्थापित किए जा चुके हैं और आवश्यक सुविधाओं से लैस हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक रैन बसेरे में बिस्तर, गद्दे, चादरें, तकिए, कंबल, बिजली, मच्छर नियंत्रण उपकरण, सीसीटीवी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध उपलब्ध हैं।
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(भाषा के इनपुट के साथ)
