दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समस्या और लोगों को हो रही असुविधा का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार ने डीजल टैक्सियों का परिचालन बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा है। इस पर चीफ जस्टिस टी.एस.ठाकुर और न्यायमूर्ति एफ.एम.आई. कलीफुल्ला की पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि जब भी ऐसे फैसले लिए जाते हैं, लोगों को असुविधा होती ही है। कोर्ट ने ऐसा करने के लिए एक उपयुक्त विस्तृत एवं कारगर योजना जमा करवाने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि यदि सुझाव आज दे दिए जाते हैं तो पीठ कल इस मामले की सुनवाई करेगी।
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सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील चंद्र उदय सिंह ने दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के चलते राजधानी में डीजल टैक्सियां नहीं चल रही हैं, जिससे आम लोगों को असुविधा हो रही है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि वाहनों को तय समय में चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने के लिए कुछ वक्त दिया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, “आज शाम 4 बजे तक आप एक मास्टर प्लान जमा करवाइए, जिसमें यह विस्तार से बताया गया हो कि इन वाहनों को आप चरणबद्ध तरीके से कैसे हटाएंगे और आपकी योजना क्या है और आप किस तरह इस स्थिति से निपटेंगे?” पीठ ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि वाहनों के पंजीकरण का क्या होगा और क्या वह उन्हें रोकेगी? इसके साथ ही पीठ ने सरकार से कहा कि वह इस संदर्भ में जो कुछ करना चाहती है, उसकी विस्तृत जानकारी दे।