राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जो भूकम्पीय क्षेत्र-चार में होने के कारण भूकम्प के प्रति संवेदनशील है, अब अपने स्वयं के राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के गठन की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य आपदा जैसी स्थितियों में त्वरित और प्रभावी ढंग से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करना है।
दिल्ली सरकार की ओर से एसडीआरएफ के गठन के लिए एक मसविदा तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मार्च में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में एसडीआरएफ की कमी पर चिंता जताई गई थी। उपराज्यपाल ने सरकार को आवश्यक संसाधन, भूमि और भवन शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। दिल्ली उन चुनिंदा राज्यों में से है जिनके पास अभी तक अपना एसडीआरएफ नहीं है।
घनी आबादी वाले इलाकों में भूकंप का खतरा अधिक
इस गंभीरता को देखते हुए, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने हाल ही में एक विभागीय समन्वय बैठक में प्रगति का जायजा लिया। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने सूचित किया है कि कैबिनेट नोट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, लेकिन इससे पहले उपराज्यपाल से सैद्धांतिक मंजूरी ली जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार मसविदा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
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एसडीआरएफ का मुख्य उद्देश्य आपदाओं के दौरान जानमाल की रक्षा करना, राहत और बचाव कार्य चलाना और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करना होगा। दिल्ली के यमुना किनारे, उत्तर, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के घनी आबादी वाले इलाकों में भूकंप का अधिक खतरा है, जहां बड़ी संख्या में अनधिकृत कालोनियां और कमजोर बहुमंजिला मकान मौजूद हैं। यह एसडीआरएफ के गठन की आवश्यकता को और बढ़ा देता है।