दिल्ली के विधायकों ने अपने क्षेत्रों में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने का मामला पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान जोर शोर से उठाया था। इसके बाद लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने आश्वस्त किया था कि भाजपा सरकार बिना किसी द्वेष के सभी विधानसभाओं में इन कैमरों को लगाने पर काम कर करेगी। इसके बाद अब पीडब्लूडी ने शहर की सुरक्षा को मजबूत बनाने के मकसद से 50,000 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना तैयार की है।

लोक निर्माण विभाग की ओर से इस दिशा में कवायद तेज कर दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी वर्ष 2025-26 के बजटीय भाषण में घोषणा की थी कि राजधानी में सुरक्षा और निगरानी में सुधार के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पीडब्लूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले चरण के पीछे व्यापक विचार पुलिस के लिए सीसीटीवी फुटेज तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना और पूरे शहर में व्यापक निगरानी प्रणाली बनाना है।

हर विधानसभा में 2 हजार कैमरे

दिल्ली की सुरक्षा, खासकर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण मुहैया हो सकेगा। अधिकारी ने बताया कि परियोजना से जुड़े विवरण को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली पुलिस, पीडब्लूडी और गृह विभाग के बीच चर्चा चल रही है। वर्ष 2018 से अब तक विभाग ने दो चरणों में लगभग 2.8 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2,000 सीसीटीवी कैमरे हैं।

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इन कैमरों को लेकर उस समय बीजेपी ने आप सरकार पर भेदभाद का आरोप लगाया था। कैमरे लगाने के दौरान ये भी मामला आया था कि आप सरकार के दौरान पूरे दिल्ली में 2 लाख 80 हजार सीसीटीवी लगाए गए थे। दरअसल पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ दिल्ली की एंट्री करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 7 करोड़ के रिश्वत मामले में एफआईआर दर्ज की थी। ये मामला 571 करोड़ रुपये में खरीदी गई सीसीटीवी प्रोजेक्ट में कथित धांधली को लेकर हुआ।

आप सरकार के दौरान पहले चरण में दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में कुल 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरा लगाने को लेकर 571 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। इस प्रोजेक्ट का ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को दिया गया था। इस प्रोजेक्ट के दौरान सीसीटीवी लगाने में हुई देरी की वजह से कंपनी पर 16 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। इसी मामले में आरोप है कि तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने कथित तौर पर 7 करोड़ रुपए की रिश्वत लेकर जुर्माना माफ किया था।