महंगाई की मार झेल रहे मजदूर, कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने अकुशल, अर्ध कुशल और कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन बढ़ाने का आदेश जारी किया है। यह फैसला गुरुवार को श्रम मंत्री राज कुमार आनंद की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। सरकार ने जिन कर्मचारियों को सौगात देते हुए न्यूनतम मासिक वेतन में बढ़ोतरी की है। उसमें गैर मैट्रिक, मैट्रिक और स्रातक कर्मचारी शामिल हैं। ये नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।

दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। आनंद ने कहा कि ‘आप’ सरकार श्रमिकों को राहत देने के लिए हर छह महीने में महंगाई भत्ते को बढ़ाती है। असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्य तौर पर केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इसलिए सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़ कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है।

बीते सालों में कोरोना के कारण हर वर्ग आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है और महंगाई के कारण रोजमर्रा की वस्तुओं के लगातार बढ़ते दामों ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि इस बढ़ोतरी से मजदूर को सहायता मिलेगी। न्यूनतम वेतन की नई दर के अनुसार अब कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 20,357 रुपए से बढ़ा कर 20,903 रुपए करते हुए 546 रुपए की बढ़ोतरी की है।

अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,499 रुपए से बढ़ा कर 18,993 रुपए किया गया है। इस श्रेणी में 494 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन में 16,792 रुपए से बढ़ा कर 17,234 रुपए करते हुए 442 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।

सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

नई दरों से सुपरवाइजर व लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। अब गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18,499 से बढ़ा कर 18,993 रुपए हो गया है, उनके मासिक वेतन में 494 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। मैट्रिक पास और गैर स्रातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 20,357 से बढ़ा कर 20,903 रुपए कर उसमें 546 रुपए की बढ़ोतरी हुई। स्रातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 22,146 से बढ़ा कर 22,744 रुपए कर दिया गया है।