IRCTC Scam: दिल्ली की एक अदालत ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत याचिका को रद्द करने से इनकार कर दिया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई की दायर की गई आईआरसीटीसी घोटाला मामले में जमानत की याचिका दायर की थी। कोर्ट ने आरजेडी नेता को जमानत देने से इनकार करने का कोई विशेष आधार नहीं पाया। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को सतर्क रहने और बयानबाजियों से बचने की हिदायत दी है।

सीबीआई ने इस बात का दावा किया था कि यादव ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में, कानून की प्रक्रिया को नष्ट करने और पूरी जांच के साथ-साथ परिणामी परीक्षण को असफल करने का प्रयास किया था। तेजस्वी यादव को दी गई छूट का उन्होंने खुले तौर दुरुपयोग किया था। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद ये निर्देश पारित किया। इस दौरान तेजस्वी यादव ने इस बात का दावा किया कि उन्होंने पहले दी गई जमानत में किसी भी तरह की शर्त का उल्लंघन नहीं किया था।

सरकार CBI और ED का दुरुपयोग कर रहीः तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने कहा,’मैं (तेजस्वी यादव) विपक्षी दल में हूं और गलत काम पर सवाल उठाना मेरा कर्तव्य है। मौजूदा सरकार सीबीआई और ईडी का ‘दुरुपयोग’ कर रही है… सभी विपक्षी दल इस बात को महसूस कर रहे हैं।” इसके पहले 28 सितंबर को सीबीआई के जस्टिस ने तेजस्वी यादव के वकील को 17 सितंबर को CBI के पेश किए गए आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था। इसमें तेजस्वी को साल 2018 में दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की गई थी।

IRCTC घोटाला मामले में आरोपी हैं तेजस्वी यादव

सीबीआई की विशेष कोर्ट की जस्टिस गोयल ने 18 अक्टूबर को आरजेडी नेता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि विस्तृत आदेश बाद में पारित किया जाएगा। अक्टूबर 2018 में दिल्ली की अदालत ने यादव को जमानत दे दी थी, जब उनके खिलाफ आईआरसीटीसी के तहत एक निजी फर्म को दो होटलों के परिचालन अनुबंध देने में कथित अनियमितताओं के लिए समन दायर किया गया था।