दिल्ली की एक अदालत में पेशी के दौरान राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ कथित तौर पर सुरक्षाकर्मियों के दुर्व्यवहार और मारपीट की शिकायत पर गुरुवार को विशेष न्यायाधीश ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। घटना 23 मई 2023 की है।
दूसरी तरफ दुर्व्यवहार और हाथापाई के आरोप के बाद दिल्ली पुलिस ने भी कोर्ट में एक आवेदन देकर सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की अनुमति मांगी है। पुलिस का कहना है कि सिसोदिया को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश करने के दौरान परिसर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और मीडियाकर्मियों का जमावड़ा बढ़ जाता है और इससे वहां अराजकता उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग सबसे सुरक्षित तरीका हो सकती है।
गुरुवार को कोर्ट के लॉकअप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने इस मुद्दे पर कहा कि जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता है सिसोदिया को कोर्ट परिसर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही पेश किया जाए। गुरुवार को भी सिसोदिया को कोर्ट के लॉकअप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही पेश किया गया।
इससे पहले दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लांड्रिंग को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र को कोर्ट ने संज्ञान में लिया। प्रवर्तन विभाग द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि वर्तमान आरोपी मनीष सिसोदिया की गतिविधियों के कारण लगभग 622 करोड़ रुपये का अपराध किया गया है।
पूरक आरोप पत्र विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मत्ता ने फाइल की थी। इसमें 2100 पेज हैं, जिसमें से ऑपरेटिंग पार्ट 271 पेजों का है। आरोप पत्र निर्धारित 60 दिनों के भीतर दायर की गई है। इस मामले में ईडी ने सिसोदिया को 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। वह इस मामले में गिरफ्तार 29 वें आरोपी हैं।