दिल्ली कांग्रेस में गहराते संकट के बीच तीन बार की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित बुधवार को बिल्कुल अलग-थलग पड़ती दिखाई पड़ीं। शीला दीक्षित की तरफ से पार्टी के हार के कारणों का विश्लेषण करने के लिए बुलाई गई बैठक को अंतिम समय में स्थगित करना पड़ा। इसका कारण बैठक में शामिल नेताओं का शीला की तरफ से किए गए फोन का ना उठाना रहा।

शीला दीक्षित को लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बुधवार को सुबह 11 बजे दिल्ली के सातों उम्मीदवारों को बैठक में शामिल होना था। बैठक के लिए पांच सदस्यों की समिति का गठन किया गया था। मंगलवार शाम को इस संबंध में एक पत्र भेजा गया था। इसके बाद फोन कॉल और मैसेज भी भेजा गया था जिसका कोई जवाब नहीं मिला।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब किसी ने जवाब नहीं दिया तो हमने सुबह तक का इंतजार किया। इसके बाद बुधवार को आखिरकार बैठक रद हो गई। इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी थी कि समिति में शामिल किए शीला की पसंद के सदस्यों पर ही आपत्ति जाहिर की गई थी। कई वरिष्ठ नेताओं ने शीला की तरफ से गठित समिति की निष्ठा पर ही सवाल उठाए थे।

समिति में पूर्व सांसद परवेज हाशमी, दिल्ली के पूर्व मंत्री एके वालिया और डॉ. योगानंद शास्त्री, एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा और पूर्व विधायक जय किशन शामिल थे। समिति से 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट शीला दीक्षित को सौंपने को कहा गया था। कई नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें जानकारी में लिए बिना ही समिति का गठन कर दिया गया।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के तीन कार्यकारी अध्यक्षों को इस प्रक्रिया में शामिल ही नहीं किया गया। दोपहर करीब 1 बजे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश प्रसारित किया गया किउन्हें 12 बजे तुगलक लेन पहुंचना हैं। इसमें राहुल गांधी से मिलकर उन्हें पार्टी पद से इस्तीफा नहीं देने के लिए आग्रह करने की बात थी।

हालांकि, शीला दीक्षित की अगुवाई वाले इस प्रदर्शन को तीन लोकसभा उम्मीदवारों का ही समर्थन मिला। पार्टी के अन्य बड़े नेता अजय माकन, अरविंद सिंह लवली, महाबल मिश्रा इसमें शामिल नहीं हुए। इसके बाद पार्टी ने 12 बजे तुगलक लेन में प्रदर्शन की योजना को भी बदल दिया। वहीं बैठक को बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बैठक में शामिल होने वाले अधिकतर उम्मीदवारों का कहना था कि वे राहुल गांधी जी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन में व्यस्त हैं।