AAP Arvind Kejriwal: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक राज्य में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने जा रही हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब रेखा गुप्ता दिल्ली से बाहर किसी राज्य में पार्टी उम्मीदवार के लिए वोट मांगेंगी। यह राज्य पंजाब है और यहां की लुधियाना वेस्ट सीट पर उपचुनाव होना है।

बीजेपी ने हाल ही में लुधियाना वेस्ट सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की थी, उसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का नाम भी शामिल किया गया था। इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित कई बड़े नेता इस उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

लुधियाना सीट का यह उपचुनाव पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल (बादल) के लिए भी बेहद अहम है। इस सीट पर 19 जून को उपचुनाव होना है।

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यहां आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा, शिअद के परुपकर घुम्मन, कांग्रेस के भारत भूषण आशु और बीजेपी के जीवन गुप्ता के बीच मुकाबला है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा राज्यसभा के सांसद भी हैं।

केजरीवाल जा सकते हैं राज्यसभा

कहा जा रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी इस सीट पर उपचुनाव जीत जाती है तो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक खाली हुई राज्यसभा सीट के जरिए संसद के ऊपरी सदन पहुंच सकते हैं। केजरीवाल भी इस उपचुनाव में AAP की जीत के लिए ताकत झोंक रहे हैं।

बताना होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में बड़ी जीत दर्ज की थी और कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था।

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आम आदमी पार्टी यहां भगवंत मान सरकार की उपलब्धियां के आधार पर वोट मांग रही है जबकि बीजेपी की कोशिश पंजाब की राजनीति में अपने पांव जमाने की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होते हुए भाजपा महिला मोर्चा और पार्टी में तमाम अहम पदों पर काम करने का अनुभव है। उन्होंने दिल्ली नगर निगम से विधानसभा तक का सफर तय किया है और उन्हें दिल्ली का राजनीति का अच्छा अनुभव है। रेखा गुप्ता को पार्टी में कुशल वक्ता के तौर पर भी देखा जाता है।

बीजेपी को उम्मीद है कि पंजाब में रेखा गुप्ता के चुनाव प्रचार करने से उसे फायदा मिलेगा। दिल्ली और पंजाब के लोगों के बीच बड़े पैमाने पर नाते-रिश्तेदारियां भी हैं।

रेखा गुप्ता लुधियाना वेस्ट सीट पर तीन से चार जनसभाओं को संबोधित कर सकती हैं। वह यहां दिल्ली की बीजेपी सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ ही आम आदमी पार्टी पर भी हमला बोल सकती हैं क्योंकि दिल्ली में 10 साल तक AAP की सरकार थी लेकिन बीजेपी ने इस बार उसे सत्ता से बाहर कर दिया था।

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रेखा गुप्ता ने पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता है। वह शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को 29,595 वोटों के बड़े अंतर से मात दी थी।

रेखा गुप्ता बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की सक्रिय सदस्य रही हैं। संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जरिये उन्होंने छात्र राजनीति में प्रवेश किया। 1994-95 में वह दौलत राम कॉलेज में सचिव चुनी गईं। 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव बनीं। 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष बनीं।

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पार्षद से विधानसभा तक का सफर

रेखा गुप्ता 2003-2004 तक बीजेपी युवा मोर्चा दिल्ली में सचिव के पद पर रहीं। 2004-2006 में वह युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं। अप्रैल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से बीजेपी के टिकट पर पार्षद बनीं। नगर निगम में पार्षद बनने के बाद उन्हें 2007-2009 तक महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। मार्च, 2010 में उन्हें भाजपा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। रेखा गुप्ता शालीमार बाग वार्ड से पार्षद रही हैं।

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