Sonam Wangchuk Detained: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लद्दाख के करीब 126 लोगों को सोमवार रात दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने बवाना थाने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं और बापू की समाधि पर जाने वाले सोनम वांगचुक को हिरासत में ले लिया गया है।

सीएम आतिशी ने कहा कि उन्होंने मुझे सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया। यह भारतीय जनता पार्टी की तानाशाही है। हम सोनम वांगचुक का पूरा समर्थन करते हैं। लद्दाख में एलजी का शासन खत्म होना चाहिए और उसी तरह दिल्ली में भी एलजी का शासन खत्म होना चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि इन पुलिस अधिकारियों को एलजी साहब का फोन आया होगा कि चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधि दिल्ली की सीएम को सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया जाना चाहिए।

बीजेपी वोट के अधिकार को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती- आतिशी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और दिल्ली को भी पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। आतिशी ने आगे कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने, वोट के अधिकार को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया। मुझे उनसे मिलने से क्यों रोका जा रहा है।

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आप नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र से डरती है और आज मैं विश्वास के साथ कह रही हूं कि अगर भारतीय जनता पार्टी की ऐसी तानाशाही चलती रही तो एलजी का शासन खत्म हो जाएगा। आतिशी ने कहा कि उन्होंने कहा कि लद्दाख में भाजपा का शासन खत्म हो जाएगा, दिल्ली में एलजी का शासन खत्म हो जाएगा और यहां भी केंद्र सरकार में भारतीय जनता पार्टी का शासन खत्म हो जाएगा।

सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया गया

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे थे। पुलिस ने वांगचुक समेत 126 लोगों को हिरासत में ले लिया। राष्ट्रीय राजधानी में फिलहाल निषेधाज्ञा लागू है। सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा,’मुझे और मेरे साथ 150 पदयात्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर 100 से लेकर 1000 तक के पुलिस बल द्वारा हिरासत में लिया जा रहा है। इनमें 80 साल से ज़्यादा उम्र के कई बुज़ुर्ग पुरुष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के दिग्गज शामिल हैं। हमारा भाग्य अज्ञात है। हम बापू की समाधि की ओर सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी हे राम!’