अपने चुनावी वादे पर अमल करते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने आज अनुबंध पर काम करने कर्मियों की सेवा समाप्त करने पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक इस मामले की गहन समीक्षा पूरी न कर ली जाए। सरकार के इस फैसले से करीब एक लाख कर्मियों को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों में डॉक्टरों, नर्सों, शिक्षकों, सफाई कर्मियों सहित करीब एक लाख कर्मी अनुबंध पर काम कर रहे हैं।

विभिन्न विभागों को जारी किए गए एक संक्षिप्त सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘अनुबंध पर काम करने वाले किसी भी कर्मी की सेवा अगले आदेश तक न तो समाप्त की जाए या न ही रोकी जाए।’’

सूत्रों ने बताया कि जिन कर्मियों का अनुबंध निकट भविष्य में पूरा होने वाला है, वे भी इस फैसले से लाभान्वित होंगे क्योंकि उनकी सेवा बरकरार रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार अनुबंध पर काम करने वाले कर्मियों के मुद्दे की गहन समीक्षा की प्रक्रिया में है ताकि एक नीतिगत खाके को अंतिम रूप दिया जा सके।

शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न सरकारी विभागों ने पिछले कुछ सालों में अनुबंध योजना के तहत कई कर्मियों की भर्ती की है।

अपने चुनाव घोषणा-पत्र में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों में अनुबंध पर काम करने वाले लोगों की सेवाएं स्थायी करने का वादा किया था।