दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी (आप) के दो अन्य नेता आपराधिक मानहानि शिकायत के मामले में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश हुए। अदालत ने मामले में केजरीवाल, सिसोदिया और यादव के खिलाफ आरोप तय करने संबंधी आदेश के लिए दो मई की तारीख निर्धारित की।

इससे पहले मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयूरी सिंह ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव की गैर मौजूदगी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि उनके दिल में ‘‘ कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है।’’

हालांकि केजरीवाल, सिसोदिया और यादव ने वकीलों की हड़ताल का हवाला देते हुए आज के लिए निजी पेशी से छूट मांगी थी। उन्होंने कहा था कि यह मामला अहम चरण में है और वकीलों की उपस्थिति आवश्यक है।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मुनीष गर्ग आज छुट्टी पर हैं इसलिए इस मामले को सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट सिंह के सामने रखा गया।

अदालत ने इससे पहले केजरीवाल, सिसौदिया और योगेंद्र यादव को आज व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था क्योंकि अदालत को उनके खिलाफ आरोप तय करने के मुददे पर अपना फैसला सुनाना था।

अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि छूट संबंधी याचिका में आरोपी की अनुपस्थिति के संबंध में कोई कारण नहीं दिया गया है। मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘ ऐसा कोई कारण नहीं है जिसकी वजह से आरोपी पेश नहीं हुए। आरोपियों के दिल में कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है। किसी भी आरोपी के पेश नहीं होने के कारण मैं इस मामले को अपराह्न दो बजे तक के लिए टाल रही हूं। उन्हें अपराह्न दो बजे बुलाओ।’’

अदालत ने कहा कि आरोपियों और वकील की ओर से एक क्लर्क पेश हुआ और छूट संबंधी याचिका दायर की। अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि हड़ताल पर वादी नहीं वकील हैं, और यदि इस मामले में कोई स्थगन दिया जाता है तो यह न्याय के हित में नहीं होगा क्योंकि पहले भी यह मामला आरोपियों की अनुपस्थिति के कारण तीन बार स्थगित हो चुका है।

11 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रखने वाली अदालत ने आप के तीन नेताओं को निजी उपस्थिति से उस दिन के लिए छूट दी थी और उन्हें आज उसके सामने उपस्थित होने का अंतिम अवसर दिया था।

शर्मा ने आरोप लगाया है कि आप के स्वयंसेवकों ने 2013 में उनसे संपर्क किया था और उन्हें पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा था। स्वयंसेवकों ने उनसे कहा था कि केजरीवाल उनकी समाज सेवा से प्रभावित हैं।

शर्मा ने कहा कि सिसोदिया और यादव ने उन्हें बताया था कि आप की राजनीतिक मामलों की समिति ने उन्हें टिकट देने का निर्णय लिया है जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन पत्र भरा था। लेकिन उन्हें बाद में टिकट नहीं दिया गया।

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि 14 अक्तूबर 2013 में प्रमुख समाचार पत्रों के लेखों में ‘‘आरोपियों द्वारा मानहानिकारक, गैर कानूनी और अपमानजनक शब्द’’ इस्तेमाल किए गए जिससे बार और समाज में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।