दिल्ली में उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान अवरोध करना भाजपा के विधायकों को भारी पड़ गया था। सभी को निलंबित कर कड़ी कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब उन्हीं निलंबित विधायकों ने माफी मांग ली है। बड़ी बात ये है कि सदन से निलंबित किए गए विपक्ष के सभी सात भाजपाई विधायकों को उपराज्यपाल ने माफ कर दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि उपराज्यपाल को ‘खेद-पत्र’ भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता की अगुवाई में सभी सातों विधायकों के हस्ताक्षर से दिए गए थे। विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अजय महावर और अभय वर्मा ने उपराज्यपाल से मिलकर उन्हें ‘खेद पत्र’ सौंपा था। जिसमें उन्होंने कहा कि उनका मकसद उपराज्यपाल के भाषण को अवरोध करना नहीं था, वे चाहते थे कि जनहित में सभी सत्य तथ्य रिकार्ड पर आएं। वे उपराज्यपाल को लेकर बेहद निष्ठा रखते हैं।
उन्होंने खेद पत्र में लिखा -‘महोदय, मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। हम सम्मानपूर्वक आपको सही तथ्यों और दिल्ली के नागरिकों की पीड़ा से अवगत कराना चाहते हैं। हालाँकि, ऐसा करने पर न केवल हमें सदन से बाहर निकाल दिया गया, बल्कि सदन ने 16.02.2024 को असंवैधानिक रूप से एक प्रस्ताव पारित कर हमें अनिश्चित काल के लिए सदन से निलंबित कर दिया। ऐसा मौजूदा बजट सत्र में विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किया गया है। हम अत्यंत आदरपूर्वक निवेदन करते हैं कि आपके और आपके सम्मानित कार्यालय के प्रति हमारे मन में अत्यंत आदर और आदर है और हमारा आपका अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। हम सम्मानपूर्वक निवेदन करते हैं कि आपको सही तथ्यों से अवगत कराने का हमारा प्रयास और प्रयास अत्यंत प्रामाणिक था और केवल आपके कार्यालय की पवित्रता और महिमा को बनाए रखने के हित में किया गया था और, अगर इससे महामहिम को कोई असुविधा हुई तो हमें सबसे अधिक खेद है।’
उपराज्यपाल ने भी उनके खेद पत्र के जरिए किए प्रायश्चित से ‘संतुष्टि’ जताई है। उपराज्यपाल ने विधायकों को जारी पत्र में कहा -“ मुझे आपके और छह अन्य विधायकों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित एक पत्र मिला है, जो मुझे व्यक्तिगत रूप से सौंपा गया था। मैं बजट सत्र के दौरान हुए व्यवधान पर आपके खेद की अभिव्यक्ति को रिकार्ड पर लेता हूं और इसे सही भावना से स्वीकार करता हूं।”
दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के लिए दिल्ली विधानसभा से निलंबित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सात विधायकों से पूछा था कि क्या वे उनसे माफी मांगने को तैयार हैं।
प्रियरंजन का इनपुट