भाजपा की दिल्ली इकाई ने मांग की है कि राजधानी में उन सड़कों के नाम बदले जाने चाहिए जो “मुस्लिम गुलामी के प्रतीक हैं।” इनमें तुगलक रोड, अकबर रोड, औरंगजेब लेन, हुमायूं रोड और शाहजहां रोड के नाम शामिल हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने नगर निकाय एनडीएमसी को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि तुगलक रोड का नाम गुरु गोबिंद सिंह मार्ग, अकबर रोड को महाराणा प्रताप रोड, औरंगजेब लेन को अब्दुल कलाम लेन, हुमायूं रोड का नाम महर्षि वाल्मीकि रोड और शाहजहां रोड का नाम जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाना चाहिए। आदेश गुप्ता का कहना है कि बाबर लेन का नाम स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के नाम पर रखा जाए। कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय भी दिल्ली के 24, अकबर रोड पर है।
इस बीच यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और राष्ट्रवादी शिवसेना के सदस्यों ने मंगलवार को कुतुब मीनार परिसर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया और यहां के प्रतिष्ठित स्मारक का नाम बदलकर ‘विष्णु स्तम्भ’ करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान 30 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले गई।
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया कि कुतुब मीनार ‘विष्णु स्तम्भ’ है, जिसे “महान राजा विक्रमादित्य” ने बनवाया था, लेकिन बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका श्रेय ले लिया। परिसर में 27 मंदिर थे जिन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था। इन सब का प्रमाण उपलब्ध है। कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवताओं की मूर्तियां अब भी देखी जा सकती हैं। प्रदर्शनकारी नेताओं ने मांग की कि कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तंभ किया जाना चाहिए।
प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि मस्जिद के अंदर भगवान गणेश की मूर्तियां समुदाय की भावना को आहत कर रही हैं। इन नेताओं ने हाल ही में दावा किया था कि मीनार का निर्माण 27 हिंदू-जैन मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से कराया गया था।

दिल्ली की सड़कों के नाम को बदलने की मांग पर बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया को पहले एनडीएमसी के एक पैनल से अनुमोदित कराया जाता है। नियम कहते हैं कि नाम बदलने के अनुरोधों को इतिहास, भावना और क्या किसी व्यक्तित्व को उस तरीके से स्वीकार करने की जरूरत है, को ध्यान में रखकर स्वीकार किया जाता है।