नई दिल्ली, 30 मार्च। मदरसे में पढ़े रहे तीन अल्पसंख्यक युवकों की ‘जय माता दी’ और ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलने पर पिटाई के मामले में बुधवार को पुलिस ने पांच युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि आरोपी युवकों के परिजनों का कहना है कि यह झगड़ा क्रिकेट खेलते समय आपस में हुई इसमें किसी भी प्रकार का कोई सांप्रदायिक भेदभाव जैसी बातें नहीं है। बुधवार सुबह से इलाके में धार्मिक तनाव को देखते हुए पुलिस की विशेष चौकसी शुरू कर दी गई है। उधर राजनीतिक दलों और धार्मिक उलेमाओं के बीच बुधवार दिन भर यह वारदात आरोप प्रत्यारोप और चर्चा का विषय बना रहा।
बुधवार सुबह से ही इलाके में तनाव का माहौल बना रहा। हालांकि पीड़ित और आरोपी के बीच सुलह-समझौते की बात भी चलती रही पर जब पीड़ित परिवार आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़ गए तो पुलिस ने इलाके के ही रहने वाले पांच युवकों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इलाके में गश्ती बढ़ाते हुए चौकसी बरतनी शुरू कर दी ताकि किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव नहीं फैले। स्थानीय लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और कानून के मुताबिक कार्रवाई की बात कहकर पुलिस लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। यह घटना 26 मार्च शनिवार को उस समय घटी थी जब बाहरी दिल्ली के बेगमपुर, रमेश एन्केल्व स्थित फैज-उल-उलूम घौसिया मदरसा में पढ़ाई करने वाले दिलकश अपने साथी अजमल और नदीम के साथ इलाके की बांस वाला पार्क में टहल रहे थे तभी धार्मिक मामले को लेकर इनपर हमला किया गया। इसमें दिलकश के बांह की हड्डी टूट गई है जबकि अन्य दो मामूली रूप से घायल हुए। पीड़ित युवकों का आरोप है कि जय माता दी और भारत माता की जय नहीं बोलने पर पहले अजमल के सिर पर पहने टोपी नीचे गिराया गया, उसे पैरो से रौंदा गया और फिर दिलकश और नदीम ने बीच-बचाव की कोशिश की तो आरोपियों ने इन सभी की पिटाई कर दी।जिले के पुलिस उपायुक्त विक्रमजीत सिंह ने कहा कि पुलिस संबंधित धारा के तहत मामला दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान सागर, सचिन, आदित्य, कर्मवीर और आशू के रूप में हुई है। हालांकि आरोपियों की ओर से नरेंद्र सिंह ने कहा कि यह घटना पूरी तरह से क्रिकेट मैच खेलते समय आपस में हुई झगड़े से संबंधित है। इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है और धर्म से जोड़कर माहौल को खराब किया जा रहा है।
बुधवार को मुस्लिम उलेमा उमेर इलयासी ने कहा कि यह घटना दुखद है। जब भारत के प्रधानमंत्री ब्रसेल्स और सऊदी अरब जैसे देशों में जाकर शांति का पाठ पढ़ा रहे हैं तब देश की राजधानी में इस प्रकार की घटना सिवाए धार्मिक उन्माद फैलाने के और कुछ नहीं है। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व केद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने भी इस घटना को तवज्जो नहीं देने की अपील करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से देश का माहौल बिगाड़ने वाली बात है। अमन शांति बनाए रखने की बजाए इस प्रकार के धार्मिक मसले उठाकर देश को बदनाम किया जा रहा है। जबकि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह पूरी तरह से एक पार्टी के एजंडे के तहत हो रहा है।
उधर भाजपा नेता और केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि भारत माता की जय फैशन नहीं, हर हिन्दुस्तानी का पैशन (जज्बा) होना चाहिए और राष्ट्रभक्ति जोर-जबरदस्ती नहीं, बल्कि जुनून-जज्बे का हिस्सा होती है। नकवी ने कहा कि राष्ट्रभक्ति हर धर्म का पहला कर्तव्य है और न तो राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र, न ही सेक्युलरिज्म का सर्टिफिकेट बांटने की जरूरत राष्ट्रवाद हर सच्चे हिंदुस्तानी के डीएनए में है, राष्ट्रवाद का जितना भी डीएनए टेस्ट होगा उतना ही मजबूत हो कर उसका परिणाम निकलेगा। लेकिन यदि राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद पर बेबुनियाद बहस हो, कुछ लोग राष्ट्रवाद पर भी सवाल खड़े कर रहे हों तो यह चिंता का विषय है।