दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिहाज से एक रिपोर्ट का जिक्र किया लेकिन सरकार के मंत्री ने उस रिपोर्ट को गलत करार दिया। दरअसल विपक्षी दल भाजपा की ओर से सदन में चर्चा के सुझाए 12 मुद्दों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नामंजूर किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष की अगुआई में भाजपा के विधायकों ने तय रणनीति के तहत ध्यानाकर्षक प्रस्ताव लाना तय किया था। उनकी मंशा सरकार को जवाब देने पर मजबूर करना था। भोजन अवकाश में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में तय हुआ कि बेघर मौत पर पुलिस की एक रिपोर्ट पर सरकार को घेरा जाए।

प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मौजूदा सर्दी के मौसम में दिल्ली में 203 बेघर लोगों की कथित मौत पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया। बिधूड़ी ने 13 नवंबर से 13 दिसंबर के बीच एक माह में 203 मौत बताते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सदन में जवाब देने की मांग पर अड़ गए। उनकी पूरी टीम को मार्शल के जरिए सदन निकाला दे दिया गया।

उन्हें मुख्यमंत्री से तो जवाब नहीं मिला अलबत्ता वे मुद्दा बनाने में सफल रहे। नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी ने कहा कि यह पहली सरकार है जो विधायी नियमों को ताक पर रखकर सदन चला रही है। उन्होंने दावा किया कि सदन का कार्यवाही में शामिल मुद्दों की सूचना सदन के सदस्यों से भी आखिर आखिर तक छुपाई जाती है। जबकि मजमून जानना और उसपर तैयारी करना उनका अधिकार है।

बता दें कि भाजपा विधायकों ने नियम 55 के तहत 12 नोटिस दिए थे लेकिन इनमें से एक को भी चर्चा के लिए स्वीकार नहीं किया गया। इससे उनमें रोष था। बहरहाल हंगामे के चलते सदन का स्थगन तो हो गया लेकिन मुद्दे का नहीं। दरअसल, सदन के स्थगन के बाद सरकार की ओर से विपक्ष के 203 मौत के दावों की जांचा गया, जिसमें चौकाने वाले तथ्य मिले।

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा विधायकों के ध्यानाकार्षक प्रस्ताव व एक माह के दौरान 203 बेघर लोगों की दिल्ली की सड़कों पर मौत के आंकड़ों को न केवल गलत बताया बल्कि उन्होंने दावा किया कि भाजपा विधायकों ने दिल्ली पुलिस की वेबसाइट से ली गई अलग-अलग कारणों से मृत लोगों की सूची दिखाकर दिल्ली की विधानसभा को गुमराह करने की कोशिश की। जिससे उनपर सदन की अवमानना की कार्यवाही उनपर बनती है। मंत्री भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ‘जिपनेट’ वेबसाइट के मुताबिक, सर्दियों में ही नहीं सभी मौसम में भी लगभग 300-350 शव दिल्ली पुलिस दर्ज करती है।

कड़ी चौकसी के बीच कार्यवाही देखने सदन पहुंचा तिब्बती सांसदों का दल

सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच सदन में पहुंचे तिब्बती संसद के पांच सांसदों ने भी दिल्ली विधानसभा की शुक्रवार की कार्यवाही देखी। ये सभी पारंपरिक बौद्ध परिधान में पहुंचे थे। विधानसभा अध्यक्ष की सूचना पर कार्यवाही के बीच सभी सदस्यों ने उनका अभिनंदन किया। संसद की सुरक्षा में चूक का असर दिल्ली विधानसभा के सत्र में साफ देखा गया।

परिसर के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पूरा इलाका छावनी में तब्दील था।वाहनों तथा पास की सख्ती से जांच, सूचना और प्रचार निदेशालय (डीआइपी) के माध्यम से उचित पुष्टि और सत्यापन के बाद ही जारी किए गए पासों से प्रवेश आदि कड़ी चौकसी के हिस्सा थे। विधानसभा परिसर में प्रवेश से पहले पत्रकारों को भी विशेष जांच से गुजरना पड़ा।