Delhi AAP: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर नेताओं की जासूसी कराने के आरोप हैं। आरोप के मुताबिक केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने विजिलेंस डिपार्टमेंट में बनाए गए ‘फीडबैक यूनिट’ से नेताओं की जासूसी कराई। इस सीक्रेट ऑपरेशन में खर्च होने वाले पैसे के भुगतान के लिए ‘सीक्रेट सर्विस फंड’ बनाया गया था। वहीं इस फंड को रखने के लिए एक ऐसी तिजोरी का इस्तेमाल हुआ जोकि दो चाबियों को एक साथ घुमाने पर खुलता था।

सीक्रेट ऑपरेशंस के लिए नकद में पेमेंट:

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस तरह के डिटेल 2016 में फीडबैक यूनिट (FBU) से जुड़े एक अधिकारी द्वारा लिखे गए एक पत्र में मिलता है। इस यूनिट को 2015 में सत्ता में आने के बाद कथित तौर पर AAP सरकार द्वारा गठित किया गया था। मालूम हो कि सीक्रेट ऑपरेशंस के लिए नकद में पेमेंट किया जाता था और इसकी डिटेल एक रजिस्टर में रखी जाती थी। इसमें ‘S’ के आगे नंबर लिखा जाता था।

वहीं 2016 में फीडबैक यूनिट की शिकायत करने वाले विजिलेंस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने अपने पत्र में यह सब बातें लिखी हैं। जिसे सीबीआई ने सबूत के तौर पर शामिल किया है। बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज करने की अनुमति मांगी है।

AAP ने आरोपों को बताया फर्जी:

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि इस हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के सीबीआई के अनुरोध को मंजूरी दे दी थी। उनपर आरोप लगाया गया था कि दिल्ली सरकार ने राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटाने के लिए विजिलेंस डिपार्टमेंट के तहत फीडबैक यूनिट का गठन किया था। हालांकि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने इस तरह के आरोपों को फर्जी बताया है।

वहीं इस यूनिट के कथित रूप से गठन होने सात महीने बाद और इस शामिल होने के चार महीने बाद दो में से एक अधिकारी बिहार के पुलिस उपाधीक्षक शम्स अफरोज ने सीक्रेट सर्विस फंड की तिजोरी की दो चाबियों में से एक को अपने पास रखने का दावा किया। अफरोज ने विजिलेंस विभाग के विशेष सचिव को तीन पेज का पत्र लिखकर इसकी वित्तीय कार्यप्रणाली के संबंध में सवाल खड़े किए।

अफरोज को दिल्ली सरकार में उप निदेशक (प्रशासन और वित्त) के रूप में नियुक्त किया गया था। वो 30 मई को कथित रूप से गठित की गई यूनिट में शामिल हुए थे और उन्होंन 22 सितंबर 2016 को पत्र लिखा था।