Gyanvapi Case: ज्ञानवापी-श्रंगार गौरी वाद में शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच पर होने वाला फैसला आज टल गया है। आज वाराणसी की विशेष अदालत में जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में ज्ञानवापी-श्रंगार गौरी वाद मामले पर फैसला होना था। इसके पहले पिछली सुनवाई पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद विशेष कोर्ट ने 7 अक्टूबर को सुनवाई के लिए अगली तारीख दी थी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को की जाएगी। अदालत दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाएगी।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि कोर्ट में हमारी तरफ से जो दलीलें दी गईं, उसपर मुस्लिम पक्ष अपना जवाब देना चाहता है। ऐसे में अदालत ने 11 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है। विष्णु जैन ने कहा कि 11 अक्टूबर को सुनवाई के बाद अदालत में इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।

11 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने आगे बताया कि मुस्लिम पक्ष ने अपने शपथ पत्र में इसे वजुखाना बताया है और वह भी चाहते हैं कि यह साफ हो कि वह फव्वारा है या शिवलिंग है। कोर्ट ने हमारी एएसआई से जांच की बात मान ली है। मुस्लिम पक्ष की बात सुनने के लिए कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 अक्टूबर तय की है। अगली सुनवाई में इस बात पर कोर्ट फैसला दे सकती है।

साल 1809 से शुरू हुआ था विवाद

बीबीसी न्यूज़ के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर साल 1809 में सबसे पहला विवाद हुआ था। ये विवाद उस समय सांप्रदायिक दंगे में तब्दील हो गया था। इसके बाद साल 1936 में भी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक मुकदमा दायर हुआ था, जिसका फैसला उसके एक साल बाद आया। इस फैसले में पहले निचली अदालत और फिर बाद में उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ की संपत्ति माना। इसके बाद साल 1996 में भी सोहन लाल आर्य नाम के एक व्यक्ति ने सर्वे की मांग की थी। इतना ही नहीं सोहन लाल ने बनारस की कोर्ट में एक अर्जी भी दाखिल की थी लेकिन सर्वे नहीं हुआ था। इसके बाद अब सर्वे की मांग उठाने वाली पांच महिला याचिकाकर्ताओं में से सोहन लाल की पत्नी लक्ष्मी देवी भी शामिल हैं।