वाराणसी में जिला अदालत ने ज्ञानवापी मामले पर अहम फैसला दिया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के फैसले से यह साफ हो गया है कि अब श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद केस में आगे सुनवाई होगी। बता दें कि कोर्ट से 12 सितंबर को यही फैसला आना था कि इस याचिक की सुनवाई हो सकती है या नहीं!
जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने मामले की सुनवाई के पक्ष में फैसला सुनाया तो लोग हर-हर महादेव के नारे लगाने लगे, जयकारे से परिसर गूंज उठा। मामले की सुनवाई की मांग कर रहे लोगों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। वहीं सुरक्षा के लिहाज से अदालत परिसर से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे। सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
मनोज मुंतशिर ने शेयर किया वीडियो
लेखक और गीतकार मनोज मुंतशिर ने फैसला सामने आते ही अपना एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह कह रहे हैं कि मस्जिद है या शिवाला ये सच बता देंगे। पूछेगी जब अदालत तो पत्थर गवाही देंगे। हम जोड़ने के कायल, तुम तोड़ने में माहिर। मेहमान तुमको माना, और तुमने हमको काफिर। बस ये बता दो कि क्यों खंजर पीठ में उतारा, क्यों सोमनाथ तोड़ा, माथुरा को क्यों उजाड़ा? जवाबदेही तय होगी धीरे-धीरे, हर हर का नाद होगा गंगा नदी के तीरे।
कुमार विश्वास ने किया ट्वीट
वहीं कुमार विश्वास ने भी एक वीडियो लिंक शेयर किया है। जिसमें वह काशी के बारे में पंक्तियां पढ़ रहे हैं। लिंक शेयर कर कुमार विश्वास ने लिखा, “कंकर-कंकर मेरा शंकर, मैं लहर-लहर अविनाशी हूं, मैं काशी हूं-मैं काशी हूं-मैं काशी हूं..।” अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा ने ट्वीट किया कि ज्ञानवापी-शृंगार गौरी विवाद पर आया बहुत बड़ा फ़ैसला, हिंदू पक्ष में आया वाराणसी जिला जज का फ़ैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज। इसके साथ ही शर्लिन दो कार्टून शेयर किया हैं जिसमें से एक में हर हर महादेव लिखा है जबकि दूसरे में कोई भी एक्ट, फैक्ट से बड़ा नहीं होता।
उपमुख्यमंत्री, मंत्री ने किया ट्वीट
वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने लिखा कि बाबा विश्वनाथ जी, मां श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में माननीय न्यायालय के आदेश का स्वागत करता हूं, सभी लोग फ़ैसले का सम्मान करें! यूपी सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप साही ने लिखा कि सांच को आंच नहीं, हर हर महादेव! भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने लिखा कि महादेव और महादेव के भक्तों से साथ हुआ अन्याय व अपमान अब समाप्ति की ओर, अब उस समय की प्रतीक्षा है, जब महादेव की आराधना विधिवत मूल स्थान में पुनः शुरू होगी।
बता दें कि कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने का फैसला किया है तो वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई है। इसके बाद मुस्लिम पक्ष इस मामले को लेकर ऊपरी अदालत में जाने की बात कही है। हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी में नीचे आदि विश्वेश्वर का मंदिर है। ऊपर का स्ट्रक्चर अलग है।