सीआरपीएफ के 28 वर्षीय एक जवान ने आरोप लगाया है कि यहां बारामती तालुका में रविवार को पुलिस कर्मियों ने बगैर उकसावे के उस पर तब ‘हमला’ किया और ‘उसे हथकड़ी’ लगा दी जब वह पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद सीआरपीएफ के 40 जवानों के लिए शोकसभा के लिए उन्हें बुलाने गया था। हालांकि, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जवान अशोक इंगवाले द्वारा लगाये गए इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। इंगवाले वर्तमान में छुट्टी पर हैं। अधिकारी ने उलटे आरोप लगाया कि इंगवाले ने पुलिसर्किमयों के साथ झगड़ा किया। घटना पुणे के बागमती ग्रामीण पुलिस थाने में हुई।
इंगवाले ने दावा किया कि वह जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। इंगवाले ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह अपने गांव के एक छोटे मंडल (सामुदायिक समूह) का सदस्य है। आगामी मंगलवार को शिव जयंती कार्यक्रम के दौरान सीआरपीएफ के शहीद र्किमयों के लिए एक शोकसभा का आयोजन करने का निर्णय किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ रविवार दोपहर, मैं अपने रिश्ते के एक भाई, जो हाल में सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं और एक अन्य युवक के साथ 19 फरवरी के कार्यक्रम के लिए बारामती थाने के वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित करने के लिए गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ र्किमयों ने हमें रोका और उन्होंने धमकाने वाली तथा अहंकारपूर्ण भाषा में बात की।’’ इंगवाले वर्दी में दो अन्य लोगों के साथ दो पहिया वाहन पर थाना गए थे। उन्होंने दावा कि कि उन्होंने अपना पहचान पत्र पुलिसर्किमयों को दिखाया और एक मोटरसाइकिल पर तीन लोगों के सवार होने के चलते जुर्माना भरने की भी पेशकश की, लेकिन पुलिस र्किमयों ने उनकी बात नहीं सुनी।
उन्होंने बताया, ‘‘ उन्होंने (पुलिसर्किमयों) ने आरोप लगाया कि मैं शराब पीया हुआ हूं। इसके बाद पुलिसकर्मी मुझे एक कमरे में ले गए, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। वहां 10-15 पुलिस र्किमयों ने मुझे पीटा। मेरी वर्दी फाड़ दी गई और मुझे हथकड़ी लगा दी गई।’’ सीआरपीएफ कर्मी ने पुलिसर्किमयों पर अपशब्द कहे जाने का भी आरोप लगाया।
हालांकि, इंगवाले ने इस बात से इनकार किया कि वह शराब पीए हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने बारामती थाने में पुलिस की ‘ज्यादती’ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप पाखले ने इंगवाले के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इंगवाले ट्रिपल राइंिडग कर रहे थे, जब थाने में पुलिस र्किमयों ने उन्हें रोका तो उन्होंने ही धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया। पाखले ने कहा, ‘‘जब उन्हें थाने के अंदर लाया गया तो वह पुलिस र्किमयों से उलझ गए और कुर्सियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।’’ उन्होंने दावा किया कि इंगवाले यह दिखाने के लिए खुद हिरासत में चले गए कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
पाखले ने कहा कि जब उन्हें एहसास हुआ कि इस हंगामे से उनकी नौकरी जा सकती है तब उन्होंने पुलिसर्किमयों पर उनपर हमला करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है जिसमें दिख रहा है कि वह खुद ही अपने कपड़े फाड़ रहे हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने इंगवाले से यह भी पूछा है कि जब वह छुट्टी पर थे तो उन्होंने वर्दी क्यों पहनी हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था।’’ इस बीच राकांपा नेता अजित पवार ने घटना की कड़ी ंिनदा की और कहा कि यह भाजपा शासित राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को दिखाती।
उन्होंने जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि इसमें कोई सच्चाई है तो मैं पुलिस कार्रवाई की निंदा करता हूं। हमारी रक्षा करने वाले सैनिकों को यदि इस तरह से पीटा जा रहा है तो यह राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति दिखाता है।’’ राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषी को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कल पुणे के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करूंगा और यदि जरूरत पड़ी तो राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिलूंगा और उनसे पुलिस विभाग पर उनके नियंत्रण के बारे में पूछूंगा।’’ संयोगवश इंगवाले ने कहा कि उन्होंने रविवार सुबह पवार से मुलाकात की और उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया।