गुजरात के महिसागर जिला स्थित खोदियार माता मंदिर में रविवार (23 जून) को अजब स्थिति बन गई। बताया जा रहा है कि इस मंदिर में एक मगरमच्छ घुस आया था, लेकिन लोग डरने की जगह उसकी पूजा करने लगे। लोगों में भक्तिभाव इस कदर चढ़ा कि उन्होंने मगरमच्छ को रेस्क्यू कराने आए वन विभाग के अधिकारियों को भी खासा परेशान किया। हालांकि, अफसरों ने किसी तरह ग्रामीणों को समझाया और मगरमच्छ को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।
बता दें कि गुजरात में रहने वाले पटेल समुदाय के लोग खोदियार माता को कुलदेवी मानते हैं। मगरमच्छ पर सवार खोदियार माता को विद्या की देवी माना जाता है। लुनवाड़ा वन विभाग के इंचार्ज आरवी पटेल ने बताया, ‘‘लुनवाड़ा तहसील के पल्ला गांव स्थित खोदियार मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए काफी लोग मौजूद थे। उन्होंने 6 फुट लंबे मगरमच्छ को देवी का प्रतीक मानकर उसकी आरती शुरू कर दी।’’
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महिसागर के डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट्स आरएम परमार ने बताया कि मंदिर में लोगों की इतनी भीड़ हो गई थी कि रेस्क्यू ऑपरेशन करने में 2 घंटे से ज्यादा वक्त लग गया। परमान के मुताबिक, वन विभाग के अफसर मगरमच्छ को रेस्क्यू करने मंदिर पहुंचे तो लोग विरोध जताने लगे। हम किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं करना चाहते थे। ऐसे में हमने करीब 2 घंटे तक इंतजार किया। इसके बाद मगरमच्छ को नजदीक स्थित तालाब में छोड़ दिया गया।
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परमार ने बताया, ‘‘क्षेत्र में महिसागर नदी समेत कई जल इकाई हैं, जिनमें काफी मगरमच्छ हैं। कई बार ये मगरमच्छ खाने की तलाश में 4-5 किलोमीटर दूर तक चले जाते हैं। मंदिर में आया मगरमच्छ करीब 4 साल का था। अनुमान है कि वह रात के वक्त मंदिर में घुसा होगा। हम हर साल 30-35 मगरमच्छ रेस्क्यू करते हैं।’’