‘भारत माता की जय’ के नारों के सिलसिले में की जा रही विवादित टिप्पणियों पर चिंता जताते हुए भाकपा ने मंगलवार गैर-जिम्मेदाराना बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उधर, केंद्रीय मंत्री नजम हेपतुल्ला ने नारेबाजी के बजाय विकास की बातों पर जोर देने की बात कहते हुए आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में गलत चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
वामपंथी पार्टी ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों में भाजपा की बुरी तरह नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सोची-समझी चाल के तहत ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और योग गुरु रामदेव की ओर से भारत माता की जय के नारे लगाने के समर्थन में और इस्लामिक संस्था दारूल उलूम देवबंद की ओर से इसके विरोध में दिए गए बयान दोनों कट्टरपंथी संगठनों के बीच की मैच-फिक्सिंग हैं ताकि वे लोगों को धार्मिक आधार पर बांट कर अपने डगमगाए हुए आधार को दुरुस्त कर सकें।
रेड्डी ने एक बयान में कहा- ऐसा लगता है कि अलग-अलग क्षेत्रों में भाजपा की बुरी तरह नाकामी से लोगों का मोहभंग होने के बाद इससे ध्यान भटकाने के लिए सोची समझी चाल के तहत ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। भाकपा महासचिव ने कहा- ये दोनों कट्टरपंथी संगठनों के बीच की मैच फिक्सिंग है ताकि वे लोगों को धार्मिक आधार पर बांट कर अपने डगमगाए हुए आधार को दुरुस्त कर सकें। केंद्र सरकार को ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का साहस दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को नारेबाजी करने के लिए धमकियों से मजबूर नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि नारे लगाना या न लगाना किसी व्यक्ति की मर्जी पर निर्भर होना चाहिए। पूर्व सांसद ने रामदेव के बयान को न केवल गैर-जिम्मेदाराना करार दिया, बल्कि देश में सांप्रदायिक झड़पों के लिए खुलेआम भड़काना बताया। देवेंद्र फडणवीस और रामदेव की टिप्पणियों को लेकर बढ़ते विवाद के बीच के केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने नारेबाजी के बजाय विकास की बातों पर जोर देने की बात कही। उन्होंने आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में गलत चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं। हेपतुल्ला ने इस विचार को भी खारिज कर दिया कि देश में इस वक्त अल्पसंख्यकों के बीच दहशत व्याप्त है।
राज्य और केंद्र प्रशासित राज्यों में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रियों और सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन से हट कर संवाददाताओं से बातचीत में हेपतुल्ला ने कहा- ऐसे मुद्दों पर आप प्रतिक्रिया नहीं दें, बल्कि सिर्फ विकास की बातें करें। आपको लोगों को रोजी रोटी देना होगा, बच्चों को प्रशिक्षित करना होगा और आगे बढ़ना होगा। अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री ने कहा- हमारे देश में (पहले भी) ऐसे राजनीतिक भाषणों के कारण गलत चीजें हुई हैं जो विकास के मुद्दे से भटकाता है। हम लोग नारों के बारे में नहीं, बल्कि विकास के बारे में बात करना चाहते हैं। मंत्री ने कहा कि राजग सरकार को उसके विकास के कार्यों से ध्यान भटकाने के लिए ही इस तरह के विवादों को पैदा किया जाता है।
संवाददाताओं ने जब यह सवाल उठाया कि हाल में इस तरह के बयान अधिकतर सत्ताधाारी पार्टी के प्रतिनिधियों की ओर से दिए गए, इस पर हेपतुल्ला ने कहा- लोग जो कहते हैं उन्हें कहने दें, क्योंकि वे केवल विकास की बात पर चर्चा को तरजीह देती हैं। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब जबकि वे सत्ता में हैं इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे कार्रवाई करें ना कि प्रतिक्रिया दें।
फडणवीस ने पिछले हफ्ते कहा था कि जो ‘भारत माता की जय’ का नारा बोलना नहीं चाहते, उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है। रामदेव ने भी यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया कि वे देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं, नहीं तो ‘भारत माता की जय’ के नारे का विरोध करने वाले लाखों सिर कट गए होते।

