पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में माकपा के उम्मीदवार श्रीजीब बिस्वास की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर की ओर जाने वाली सड़क पर प्रचार करने से रोके जाने पर पुलिस के साथ झड़प हो गई। बिस्वास के साथ गए माकपा के सीनियर नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें इलाके के मतदाताओं के बीच प्रचार करने का पूरा अधिकार है, लेकिन पुलिस उन्हें गैरकानूनी तरीके से रोक रही है।
एक ओर माकपा नेताओं और समर्थकों ने तर्क दिया कि उनके पास आवश्यक अनुमति है, तो दूसरी ओर पुलिस ने कहा कि केवल उम्मीदवार और चार अन्य लोग नियमों के अनुसार एक साथ सड़क पर प्रवेश कर सकते हैं। कालीघाट इलाके में सड़क के प्रवेश द्वार पर रोके जाने के बाद चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, ”ममता बनर्जी डरी हुई हैं और इसलिए किसी को हरीश चटर्जी स्ट्रीट में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।”
बाद में माकपा उम्मीदवार विश्वास, चक्रवर्ती और तीन अन्य लोगों को हरीश चटर्जी स्ट्रीट क्षेत्र में प्रचार करने की अनुमति दी गई। पिछले हफ्ते, भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की भी इलाके में प्रचार करने से रोके जाने के बाद पुलिस के साथ कहासुनी हो गई थी। पुलिस ने तब कहा था कि उनके पास टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं है और वे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बनर्जी 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।
बता दें कि ममता बनर्जी और भाजपा दोनों के ही लिए भवानीपुर सीट बहुत मायने रखती है। एक तरफ ममता बनर्जी को सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिए पांच नवंबर तक निर्वाचित होना ज़रूरी है तो दूसरी तरफ भाजपा पश्चिम बंगाल की हार के बाद लगे सवालिया निशानों को मिटाने की कोशिश में है। ममता बनर्जी नहीं चाहती कि किसी भी हालत में पश्चिम बंगाल में टीएमसी को मिली जीत पर सवाल उठें और उनके मुख्यमंत्री बने रहने में बाधाएं आएं।