उत्तर प्रदेश पुलिस ने बजरंग दल के मुरादाबाद जिला अध्यक्ष सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर एक मुस्लिम व्यक्ति को झूठे मामले में फंसाने के लिए गाय की हत्या करने और मुस्लिम शख्स के खिलाफ साजिश रचने का आरोप है। आरोपियों की पहचान मुरादाबाद जिले के चेतरामपुर गांव के रहने वाले शहाबुद्दीन, बजरंग दल नेता मोनू बिश्नोई उर्फ ​​सुमित और रमन चौधरी, राजीव चौधरी के तौर पर हुई है।

पुलिस के मुताबिक शहाबुद्दीन ने मकसूद नाम के एक व्यक्ति को जेल में डालने के लिए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की मदद ली थी। उसे फंसाने के लिए गोहत्या जैसे मामले की साजिश रची गई।

पुलिस ने क्या जानकारी दी है?

पुलिस ने इस मामले पर ज़्यादा जानकारी साझा करते हुए बताया कि 16 जनवरी को कांवर पथ से एक गाय का सिर बरामद किया गया था, यह रास्ता श्रावण माह के दौरान ज्यादातर हिंदू तीर्थयात्रियों के हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए अहम रास्ता माना जाता है। यह मामला सामने आने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस घटना के कुछ ही दिन बाद 28 जनवरी की रात को कुछ किलोमीटर की दूरी पर चेतरामपुर गांव में गोहत्या का मामला सामने आया, यह जगह पहले वाली घटना के थाना अधिकार क्षेत्र में ही थी। दोनों घटना जुड़ी हुई ही लग रही थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों घटनाओं में कुछ तो संदिग्ध महसूस हो रहा था और लग रहा था कि यह प्लान करके किया गया है और ऐसे करने वाले का कुछ तो एजेंडा है। उन्होंने कहा कि दूसरी घटना में जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें एक आदमी की पतलून और एक बटुआ मिला जिसमें मकसूद की तस्वीर थी।

मकसूद ने क्या बताया?

पुलिस ने कहा कि जब मकसूद से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसकी गांव के कुछ लोगों से दुश्मनी थी, जिसके चलते उसे फंसाने की कोशिश की गई है, पूछताछ में शहाबुद्दीन और जमशेद का नाम आया. इन लोगों ने मकसूद को जेल भेजने के लिए मोनू बिश्नोई, राजीव चौधरी और रमन चौधरी की मदद ली थी।

पुलिस पर बना रहे थे दबाव

पुलिस ने जानकारी दी कि ये लोग जल्द कार्रवाई करने के लिए पुलिस पर दबाव बना रहे थे। पुलिस ने बताया कि कुछ दिन पहले ही मोनू बिश्नोई को आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) मामले के तहत गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा गया था। पुलिस ने बताया, “पहले उन्होंने 14 जनवरी की घटना की योजना बनाई जिसमें उन्होंने शहाबुद्दीन के सहयोगी नईम को 2,000 रुपये दिए और उससे कहा कि वह कहीं से गाय का सिर लाए और इसे छजलैट पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रख दे। इसके लिए सबने मिलकर गाय की हत्या कारवाई और पुलिस पर मामले पर कार्रवाई करने की बात कहकर दबाव बनाया।”

कैसे उजागर हुआ मामला?

पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, मोबाइल लोकेशन और अन्य साक्ष्यों के आधार पर साजिश का पर्दाफाश किया है। मुरादाबाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 211 (चोट पहुंचाने के इरादे से किए गए अपराध का झूठा आरोप), 380 (आवासीय घर में चोरी), 457 (घर में अतिक्रमण या घर में तोड़फोड़) के तहत दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की हैं। ) और 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और गोवध अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया है।