कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण भारी मात्र में प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह राज्य लौटने को मजबूर हैं। इन मजदूरों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। ऐसे में इनके आने से राज्य में संक्रमण का खतरा और बढ़ गया था। लेकिन जब इन मजदूरों का टेस्ट किया गया तो मात्र 3% लोग पॉज़िटिव पाये गए हैं। यह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए बड़ी राहत है।
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में राज्य में लौटे 11.68 लाख प्रवासी मजदूरों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 74,237 प्रवासियों का कोरोना टेस्ट किया गया है, जिनमें से मात्र 2,404 लोग ही पॉज़िटिव पाये गए है। पिछले 10 दिनों में टेस्ट किए गए लोगों में औसतन 3 प्रतिशत लोग पॉज़िटिव पाये गए हैं।
उत्तर प्रदेश में परीक्षण किए जा रहे प्रवासियों की सकारात्मकता दर देश की सकारात्मकता दर से लगभग 2 प्रतिशत कम है। वहीं महाराष्ट्र में सकारात्मकता दर 15 प्रतिशत, गुजरात 8 प्रतिशत और दिल्ली 9 प्रतिशत है। इन राज्यों में रहने वाले अधिकांश प्रवासी अपने-अपने राज्य लौट चुके हैं। प्रवासियों की वापसी ने राज्य के सभी 75 जिलों में संक्रमण फैल चुका है। लेकिन कम प्रवासियों के सकारात्मकता निकालने से अस्पताल में भर्ती होने में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा अभी तक स्वास्थ्य संसाधनों पर भी कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा है।
बता दें प्रदेश में अभी तक कुल 8,870 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। जिनमें से 5,257 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर घर पहुंच गए हैं और राज्य में फिलहाल 3,383 लोग का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है। वहीं संक्रमण की वजह से अब तक 230 लोग की मौत हुई है।