बिहार के मुजफ्फरपुर में सीआरपीएफ में तैनात रेंज डीआईजी पर एक महिला डॉक्टर ने बदतमीजी करने के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद आरपीएफ हेडक्वार्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रेंज डीआईजी सुरेंद्र प्रसाद को मुजफ्फरपुर से हटा दिया है। सुरेंद्र प्रसाद को पटना सेक्टर कार्यालय से अटैच किया गया है और सीआरपीएफ़ पूरे मामले की जांच कर रही है।
रेंज डीआईजी पर मुजफ्फरपुर जीसी स्थित कंपोजिट अस्पताल की महिला चिकित्सक के साथ मोबाइल पर बदतमीजी और उसके क्वार्टर में देर रात घुसेने का आरोप लगा है। महिला चिकित्सक घटना के बाद अवकाश पर चली गई हैं। सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, डीआईजी के बदतमीजी की वजह से महिला चिकित्सक तनाव में हैं। वह छुट्टी पर भी चली गई हैं।
सीआरपीएफ के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक ग्रुप केंद्र स्थित हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक को 7- 8 मई की रात सीआरपीएफ रेंज डीआईजी ने मोबाइल पर कई बार कॉल किया। मोबाइल पर बातचीत नहीं करने पर महिला चिकित्सक के आवास में भी घुसने का प्रयास किया।
घटना की शिकायत महिला डॉक्टर ने सीआरपीएफ आईजी व नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में की। इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों को भी इससे अवगत कराया गया। इसके आलोक में रविवार को सीआरपीएफ हेड क्वार्टर ने कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर से रेंज डीआईजी को हटा दिया। तत्काल प्रभाव से रेंज डीआईजी को पटना सेक्टर में अटैच कर दिया।
बिहार सीआरपीएफ के आईजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया है कि ‘ डीआईजी रेंज के खिलाफ काफी गंभीर आरोप लगे हैं। इसके मामले में उन्हें तत्काल पटना सेक्टर में अटैच कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अपनी सफाई में डीआईजी का कहना है कि उनपर गलतफहमी की वजह से लगा आरोप लगे हैं। डीआईजी ने कहा “दिल्ली में मेरा भाई व उसके परिवार के कई लोग संक्रमित हैं। उसकी रिपोर्ट के सिलसिले में बात करने के लिए कॉल किया था। लेकिन कॉल ड्रॉप हो गया और बात नहीं हुई।”
डीआईजी ने कहा “मैं अपने सीओ से मिलने गया था। सीओ और महिला चिकित्सक एक ही बिल्डिंग में ऊपर नीचे रहते हैं। जिस वजह से कॉल बेल बजने से गलतफहमी हो गई।