महाराष्ट्र के नांदेड़ से पंजाब लौटे सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में 10 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे पंजाब से लेकर महाराष्ट्र तक हड़कंप मच गया है। लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद करीब 4000 सिख श्रद्धालु नांदेड़ में फंसे थे। अधिकारियों के मुताबिक यह मामला भी तब्लीगी जमात के जैसा ही हो सकता है। जिसके कारण 15 से अधिक राज्यों में उनके संपर्क का पता लगाया गया था। 48 साल के होशियारपुर निवासी अपनी गाड़ी से 15 लोगों  को लेकर 25 अप्रैल को नांदेड़ से वापस पंजाब लौटे थे, अब उस शख्स में भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। अब उस गाड़ी में आने वाले श्रद्धालुओं को ट्रेस किया जा रहा है।

तरणतारण के खेमकरण और सुरसिह में भी सात लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये लोग निजी वाहन से नांदेड़ से पंजाब लौटे थे। इनके अलावा तीन ऐसे लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जो पंजाब सरकार द्वारा (द्धालुओं को वापस लाने के लिए भेजी गई बस में सवार होकर लौटे थे। ये लोग कपूरथला जिले के निवासी हैं।

Coronavirus in India Live Updates:  यहां पढ़ें कोरोना वायरस से जुड़े सभी लाइव अपडेट….

रविवार से अब तक करीब 800 श्रद्धालु तीन टुकड़ियों में बसों में सवार होकर पंजाब लौट चुके हैं। पंजाब स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डॉ. अमरपाल सिंह ने बताया कि 80 बसों में 2,850 तीर्थयात्रियों काआखिरी बैच बुधवार (29 अप्रैल) की शाम तक पहुंचेगा। इस बीच, पंजाब सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आश्वस्त हैं। उन्होंने बताया, “उन सभी श्रद्धालुओं को ट्रेस किया गया है, और वे मामले में सहयोग कर रहे हैं।”

बता दें कि महाराष्ट्र में स्थित नांदेड़ साहिब सिखों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। सिखों के दसवें और अंतिम गुरू गुरू गोविंद सिंह का वहां स्वर्गवास हुआ था। इसे श्रीहुजूर साहिब भी कहा जाता है क्योंकि गुरू गोविंद सिंह ने गुरुओं की परंपरा खत्म कर पवित्र ग्रंथ को ही गुरू मानने की शिक्षा दी थी। इसके बाद सिखों के पवित्र ग्रंथ को गुरू ग्रंथ साहिब भी कहा जाने लगा और श्रद्धालु उनकी ही पूजा करने लगे। नादेंड़ में श्रद्धालु मार्च में गए थे लेकिन लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद वहीं फंस गए थे।

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों की  तरह ही नांदेड़ से आए सभी श्रद्धालुओं को 21 दिन के लिए क्वांरटीन में भेजा जाएगा। पंजाब सरकार ने इस मामले में अपनी गलती मानी है।