इस बार के निगम चुनाव में भाजपा ने पूरे चुनाव में केवल आम आदमी पार्टी पर हमला बोलकर चुनाव खड़ा करने की कोशिश की है। यह चिंता दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की चर्चा में सामने आई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं कि हमलों की वजह विकास माडल होने की स्थिति में पार्टी का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था, जिस तरह से बहुत ही कम अंतर से पार्टी की कुछ सीटों हार हुई है उसे भी रोका जा सकता था।

इस बार के चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व ने निगम चुनाव की कमान को बैजयंत जय पांडा को दी थी और पूरे चुनाव की रणनीति तैयार करने का जिम्मा उनके ही हवाले था। माना जा रहा था कि बतौर केंद्रीय नेतृत्व से उनका होने का लाभ भाजपा को मिलेगा, लेकिन सूत्र इसे नुकसान का सौदा बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि सबसे पहले नकारात्मक प्रचार और उसके बाद टिकट के बंटवारे को लेकर नाराजगी इस पूरे नुकसान में बड़ी वजह रही है।

पार्टी ने चुनाव लड़ने से पहले ए, बी और सी श्रेणी में हर वार्ड के स्तर पर एक कार्ययोजना तैयार की थी और इस कार्य योजना को भी इसे पूरे चुनाव में दरकिनार किया गया। इस वजह से ऐसी सीट जो पार्टी के लिए ए श्रेणी की सीट थी। उन पर भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां कैडर वोट पार्टी के साथ रहा और अगर टिकट की नाराजगी नहीं होती तो इन सीटों को भी जीता जा सकता था।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के सांसदों की तरफ से पार्टी को एक विस्तृत कार्ययोजना भी केंद्रीय नेतृत्व को दी गई थी। इन योजनाओं में कूड़े के पहाड़, पार्किंग की योजना और पार्क बढ़ा कर हरा-भरा क्षेत्र बढ़ाने जैसी योजनाएं थीं। इन योजनाओं का असर पूरे प्रचार अभियान में नजर नहीं आया। जो नुकसान की बड़ी वजह रही है।

सूत्र यह भी मान रहे हैं कि ये योजनाएं अगर आने वाले समय में सख्ती से लागू नहीं की जाती है तो इसका नुकसान हर दिल्ली वाले को उठाना होगा। इस समय सबसे अधिक झगड़े पार्किंग को लेकर हो रहे हैं। इसका समाधान देना बेहद जरूरी है। इसके अतिरिक्त सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे होते जा रहे हैं और बच्चों के लिए पार्क कम होते जा रहे हैं।

इसके लिए खाली मैदानों को बड़े-बड़े पार्क में तब्दील कर जनता और प्रशासन के लिए राहत का रास्ता खुल सकेगा। इसके अतिरिक्त पार्किंग व्यवस्था के साथ उन जगहों को व्यवसायिक स्थलों के तौर पर जोड़ने की भी जरूरत है। इससे निगम के लिए वित्तीय तौर पर अधिक शक्तिशाली बनने का भी रास्ता खुल जाएगा।