कोराना वायरस या COVID-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अब सैंपल जांच को लेकर विवाद बढ़ रहा है। दिल्‍ली के बाद यूपी में भी गलत ढंग से कोरोना जांच किए जाने और गलत पॉजिटिव रिपोर्ट देने का आरोप लगा है। इसके मद्देनजर उत्‍तर प्रदेश के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने तय किया है कि अब निजी लैब्‍स के उन सारे सैंपल्‍स की दोबारा जांच की जाएगी, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई होगी। बताया गया है कि यह फैसला गौतमबुद्ध नगर जिले में निजी लैब्‍स द्वारा 15 नमूनों की रिपोर्ट गलत ढंग से पॉजिटिव बताए जाने के बाद लिया गया है।

छह निजी लैब्‍स को नोटिस भी भेजा गया है, जबकि दो पर बिना लाइसेंस के ही ‘मोबाइल टेस्‍टिंग’ किए जाने पर एफआईआर भी की गई है। यूपी के अन्‍य जिलों में भी निजी लैब्‍स की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठ चुके हैं। Indian Council of Medical Research (ICMR) ने दिल्‍ली-एनसीआर में 32 निजी लैब्‍स को कोरोना जांच की इजाजत दी है। इनमें नोएडा में दो, गाजियाबाद में एक, गुरुग्राम में 7 और दिल्‍ली में 22 लैब्‍स हैं।

आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक पीपीई किट का इस्‍तेमाल करते हुए ही सैंपल कलेक्‍शन करना है। बायोसेफ्टी व बायोसिक्‍योरिटी से जुड़ी सावधानियों का पालन करना है। तीन लेयर वाले कंटेनर में ‘कोल्‍ड-चेन कंडीशन’ के तहत ही सैंपल को ले जाना है। पॉजिटिव नमूनों को उचित तापमान पर अलग रखना है। गौतमबुद्ध नगर जिले में दो-तिहाई सैंपल निजी लैब्‍स में टेस्‍ट किए गए हैं। सरकार का कहना है कि केवल पांच लैब्‍स ऐसे हैं, जिनकी रिपोर्ट संदेह से परे कही जा सकती है। 4 जून को अफसरों ने निजी लैब्‍स के 15 प्रतिनिधियों से आईसीएमआर की गाइडलाइंस पर चर्चा की। लैब्‍स को कहा गया है कि वे रोज आने वाली रिपोर्ट की जानकारी उसी दिन दें, लेकिन कई लैब्‍स ऐसा भी नहीं कर रहे।

कई लैब्‍स ऐसे हैं जो दावा करते हैं कि उन्‍हें कोरोना जांच के लिए अधिकृत किया गया है, जबकि सरकार का कहना है कि उन्‍हें इस बारे मेें जानकारी ही हीं है। एक निजी अस्‍पताल के बाहर मोटरसाइकिल पर कुछ लोगोंं को सैंंपल लेते पाया गया था। इस मामले में दो लोगों पर एफआईआर की गई है। इससे पहले दिल्‍ली की सत्‍ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक राघव चड्ढा ने भी आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाला दिल्‍ली का राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल गलत पॉजिटिव रिपोर्ट दे रहा है।

टेस्‍टिंग को लेकर और भी समस्‍याएं हैं। सरकार कोराना के लक्षण वाले कई मरीजों को भी टेस्‍ट से मना कर रही है या कुछ दिन बाद संपर्क करने के लिए कह रही है। निजी लैब्‍स 4500 रुपए टेस्‍ट के वसूलते हैं। इसलिए सब लोगों के लिए यह रकम देकर टेस्‍ट कराना संभव भी नहीं है। प्राइवेट लैब्‍स की क्षमता भी कम है। दिल्‍ली के हिंदू राव हॉस्‍पिटल ने सैंपल लेना बंद कर दिया है। यह कह कर कि पहले लिए गए नमूनों की जांच अभी बाकी है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्‍ली-एनसीआर में कोराना पॉजिटिव मामलोंं की संख्‍‍‍या लगातार बढ़ रही है।