महाराष्ट्र के नासिक में प्रशासन की लापरवाही से एक 38 साल के कोरोनावायरस मरीज की मौत हो गई। मृतक का नाम बाबासाहेब कोले है। बताया गया है कि गुरुवार रात को मौत से पहले वह ऑक्सीजन मास्क लगाकर धरने पर बैठा था। दरअसल, कोरोना से गंभीर हालत होने के बावजूद किसी भी अस्पताल ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसी के विरोध में कोले ने नासिक नगरपालिका के बाहर प्रदर्शन किया था।

मृतक के परिवार की शिकायत है कि जब कई अस्पतालों ने उन्हें लौटा दिया, तो कोले ने ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़ा मास्क लगाकर ही धरना शुरू कर दिया। तकरीबन एक घंटे बाद एक एंबुलेंस उन्हें सिविल अस्पताल लेकर गई। हालांकि, इलाज में देरी के कारण आधी रात तक कोले का ऑक्सीजन लेवल 40 फीसदी तक गिर गया था। एक सामान्य व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर 95 फीसदी तक रहता है।

बताया गया है कि मृतक की उम्र महज 38 साल थी। कोले की पत्नी ने कहा कि दो-तीन दिन पहले वह उन्हें बाइटको अस्पताल लेकर गई थीं। वहां से वे दूसरे अस्पताल भी पहुंचीं। इसके बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज जाना पड़ा। मेडिकल कॉलेज ने कहा कि उनके पास कोई बेड मुहैया नहीं है। किसी और अस्पताल ने भी कोले को एडमिट नहीं किया, जिसके चलते उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया और ऑक्सीजन मास्क का इंतजाम किया गया।

कोले की पत्नी ने कहा कि किसी अन्य अस्पताल ने उनकी नहीं सुनी। इस पर पुलिस और नगरपालिका का कहना है कि उन्होंने मामले में जांच बिठा दी है। यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि किस वजह से मरीज को नगरपालिका के बाहर धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस का सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है। यहां पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 43,183 नए मामले सामने आए। इस दौरान 249 लोगों की जान चली गई। महामारी की शुरुआत के बाद से राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा मामले आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 28,56,163 पहुंच गया है। वहीं अब तक संक्रमण से 54,898 लोग दम तोड़ चुके हैं। नासिक में भी हालात बेहद खराब हैं, यहां कोरोना के 36 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं, जबकि कुल 2241 लोगों की मौत हो चुकी है।