लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों का पलायन बदस्तूर जारी है। शनिवार को बिहार के मजदूरों का एक ग्रुप पैदल ही आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती से होकर गुजर रहा था। इसी दौरान राज्य की मुख्य सचिव नीलम साहनी का काफिला वहां से गुजरा। मजदूरों को देखकर मुख्य सचिव उनके पास पहुंची और मजदूरों की मातृभाषा में उनसे बात की। बता दें कि खुद मुख्य सचिव भी हिंदी पट्टी इलाके की हैं। इसके बाद मुख्य सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों को मजदूरों को शेल्टर होम में भेजने और फिर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार भेजने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने गुंटूर के ज्वाइंट कलेक्टर और कृष्णा जिले के कलेक्टर को प्रवासी मजदूरों के शेल्टर होम में ठहरने के अलावा उनके खाने-पीने का भी इंतजाम करने को कहा। मुख्य सचिव के साथ बातचीत में मजदूरों ने बताया कि वह चेन्नई से पैदल ही बिहार के लिए निकले हैं। मुख्य सचिव की मदद से प्रवासी मजदूर काफी भावुक नजर आए और उन्हें धन्यवाद दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से प्रवासी मजदूरों का पैदल पलायन रोकने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि लॉकडाउन के 53 दिन बीत जाने के बाद भी देशभर में मजदूरों का पलायन जारी है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा कि मजदूरों की पैदल घर वापसी रोकी जाए और उन्हें आश्रय स्थलों में ठहराकर उनके खाने-पीने का इंतजाम किया जाए।

केन्द्र सरकार देशभर से प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनों का संचालन कर रही है। इसके बावजूद अभी भी मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल रहे हैं। जिसके चलते उनके साथ हादसे की घटनाएं सामने आ रही हैं। शनिवार को भी तीन विभिन्न सड़क हादसों में 29 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में मजदूर घायल हो गए।

बता दें कि यूपी के औरेया में प्रवासी मजदूरों को उनके घर ले जा रहे दो ट्रकों की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। वहीं दूसरे हादसे में एमपी के सागर जिले में एक ट्रक पलटने से उसमें सवार पांच मजदूरों की मौत हो गई। तेलंगाना में हुए ट्रक हादसे में उसमें सवार कई मजदूर घायल हुए हैं।