दिल्ली में कोरोना मरीजों की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। भले ही देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं लेकिन दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से अच्छी खबर है, कि इन राज्यों में प्रत्येक में R-नंबर (संक्रमण का सूचकांक) 1 से कम है। दिल्ली में संक्रमण की दर घटकर 0.66 फीसदी पर पहुंच गई है।

दिल्ली में एक्टिव मामले की संख्या (27 जून को लगभग 28,000 के शिखर पर पहुंचने के बाद से) में लगातार गिरावट आई है। 31 जुलाई तक, दिल्ली में 10,705 संक्रमित लोग थे, जिनका अभी इलाज चल रहा है। दिल्ली में संक्रमित होने वाले 1.35 लाख से अधिक के लगभग 90 प्रतिशत पहले ही ठीक हो चुके हैं। यह संख्या देशभर में सबसे अधिक है। माना जाता है कि केवल एक्टिव मरीज ही दूसरों को बीमारी पहुंचा सकते हैं।

चेन्नई में गणितीय विज्ञान संस्थान में सीताभरा सिन्हा और  उनके रिसर्च ग्रुप द्वारा किए गए मॉडलिंग अनुमानों के अनुसार दिल्ली में बेहतर परिणाम देखने को मिला है। दिल्ली में पिछले एक महीने में अपने कोरोनावायरस स्थिति में एक उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला है।

रिसर्च मॉडल के अनुसार ट्रांसमिशन रेट, जिसे प्रजनन संख्या भी कहा जाता है, या R, दिल्ली में प्रकोप शुरू होने के बाद पहली बार 1 से नीचे गिर गया था। यह जुलाई के दूसरे सप्ताह में एक से नीचे चला गया, और 23 से 26 जुलाई के बीच, दिल्ली के लिए R-Value 0.66 था। इसका मतलब है कि दिल्ली में 100 संक्रमित व्यक्तियों का प्रत्येक समूह केवल 66 अन्य लोगों को संक्रमित कर रहा था।

दिल्ली में संक्रमण के मामलों के दोगुने होने की दर इस समय करीब 50 दिन है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत संभवत: 32 दिन है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के उपचार करा रहे रोगियों की संख्या के मामले में राष्ट्रीय राजधानी का स्थान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 12वां है। दिल्ली में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या लगभग 11 हजार है।

जैन ने कहा कि हालांकि लोगों को अब भी बहुत सतर्कता बरतनी होगी और उन्हें सामाजिक दूरी तथा हाथ साफ करने के नियमों का पालन करना चाहिए।’’ जैन ने कहा, ‘‘दिल्ली अब देश में 12वें स्थान पर है। डेढ़ महीने पहले वह दूसरे स्थान पर थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 25 जुलाई को कहा था कि इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान से सुधरकर आठवें स्थान पर पहुंच गयी है। जैन ने कहा कि ‘‘दिल्ली में संक्रमण के मामलों के दोगुने होने की दर इस समय करीब 50 दिन है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत संभवत: 32 दिन है।’