पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर हमला हुआ है। गुरुवार को ये हमला उस वक्त हुआ जब उनका काफिला अलीपुरद्वार जिले से गुजर रहा था। यहां प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने काफिले को काले झंडे दिखाए और वाहनों पर पत्थर मारे। इस दौरान ‘वापस जाओ’ के नारे भी लगाए गए। इस घटना में किसी को चोट नहीं आई है।
दिपील घोष ने न्यूज18 इंडिया को बताया कि वो और उनके कार्यकर्ता ठीक हैं। किसी को कोई खास चोट नहीं आई। हालांकि कई गाड़ियों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है। हमला कैसा हुआ? इसपर उन्होंने कहा कि अलीपुरद्वार सीमावर्ती इलाका है, जिसके समीप असम और भूटान हैं। भूटान बॉर्डर करीब में एक कस्बे में पार्टी की सभा थी।
उन्होंने बताया कि अलीपुर से आते वक्त रास्ते में कई जगह काफिले को काले झंडे दिखाए गए। नारेबाजी की गई। काफिला आगे बढ़ा तो हमला होने लगा। बकौल घोष पुलिस के साथ मौजूद गुंडे पत्थर मार रहे थे, डंडे फेंक रहे थे। मेरे वाहन पर भी पत्थर लगे।
इधर भाजपा नेता के काफिले पर हमले की भाजपा ने तीखी आलोचना की है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्य की ममता सरकार की तुलना तानाशाह किम जोंग से की। उन्होंने कहा कि ममता भी जोंग की तरह अपने विरोधियों पर हमले करवा रही हैं, उन्हें मरवा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का जीना मुश्किल हो गया है। लोग आईसीयू में जी रहे हैं। इसका नतीजा पश्चिम बंगाल चुनाव में दिखेगा, जब ममता बनर्जी को पता चलेगा कि मोदी हैं तो मुमकिन है।
इसी तरह भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 70-72 हजार लोगों की हत्या कर वामपंथियों ने शासन किया। उनसे लड़ कर वही शासन तृणमूल कांग्रेस ने हासिल किया और वामपंथी पार्टियों के गुंडे आज ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए हैं।
इधर बंगाल के बर्धमान जिले के अंदल इलाके में अज्ञात हमलावरों ने तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी। हमले में दो अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धर्मवीर की मौके पर ही मौत हो गई। दो अज्ञात हमलावरों ने बुधवार रात करीब 11 बजे उस पर हमला किया था। हादसे में उसके दो साथी घायल भी हो गए। अधिकारी ने बताया कि हमलावरों की तलाश जारी है।
तृणमूल के एक स्थानीय नेता ने घटना के पीछे राजनीतिक कारण होने की बात को खारिज करते हुए दोषियों को सजा दिए जाने की मांग की। भाजपा नेतृत्व ने हालांकि दावा किया कि कोयला बेल्ट (क्षेत्र) में लूट के बंटवारे को लेकर हुए गुटीय झगड़े के कारण यह घटना हुई।