उत्तर प्रदेश में सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन के बाद सामूहिक रूप से निकाह कराने की तैयारी की गई थी। यूपी के बरेली में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रशासन की अनुमति नहीं मिली थी। चूकि बरेली के लोगों ने इस बात का जमकर विरोध किया। जिसके बाद इस आयोजन को प्रशासन ने टाल दिया।

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) की ओर से 21 जुलाई को बरेली में सामूहिक निकाह का आयोजन प्रस्तावित किया था आईएमसी ने इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन से इजाजत भी मांगी थी। लेकिन इस खबर के बाहर आने के बाद बरेली से लेकर वृंदावन तक जमकर विरोध हो रहा था। इसी बात को देखते बरेली जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। जिस वजह से आईएमसी ने इस आयोजन को टाल दिया है।

आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने धर्मांतरण से जुड़े मामले को लेकर कहा है कि वह जो भी कार्य करेंगे कानून के दायरे में रहकर करेंगे। सामूहिक निकाह और धर्मांतरण का कार्यक्रम प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद आयोजित किया जाएगा। प्रशासन ने हमारी अर्जी को ठुकरा दिया है। इसलिए हम प्रशासन की अनुमति के बिना कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा।

इस आयोजन को लेकर आईएमसी के प्रदेश प्रभारी नदीम कुरैशी ने बताया कि धर्मांतरण और निकाह कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा। इसी वजह से फिलहाल टाल दिया गया है। इस मामले में बरेली के जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार ने बताया कि आईएमसी ने सामूहिक धर्मांतरण और निकाह कार्यक्रम के लिए नगर मजिस्ट्रेट से कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति मांगी थी। जिसकी अनुमति नहीं दी गई हैं। जिसके बाद आईएमसी ने अपना यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

इस कार्यक्रम के आयोजन से पहले आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा था कि पहले से इस्लाम धर्म अपना चुके हिंदू युवक-युवतियों का सामूहिक निकाह कराया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में पांच जोड़ों का निकाह कराया जाएगा। इसमें हिंदू युवक-युवतियां पूरे तौर तरीके से धर्म परिवर्तन करके एक दूसरे का दामन थामेंगे। जिसका आयोजना 21 जुलाई को 11 बजे से बरेली के खलील उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित होने वाला था। वहीं इस बात को लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध किया था।