देश में हिंदुत्व पर चल रहे विवाद के बीच कर्नाटक में बीजेपी नेता और पूर्व सांसद रमेश कत्ती ने हिंदू की अपनी परिभाषा दी है। उन्होंने कांग्रेस नेता सतीश जारकीहोली की हिंदुत्व पर टिप्पणियों का विरोध किया और कहा कि हिंदू कोई धर्म नहीं, बल्कि एक गठन, जीवनशैली और जीवन जीने का एक तरीका है।
उन्होंने कहा, “आज हिंदू धर्म की चर्चा हो रही है। यह सिर्फ एक धर्म नहीं है, यह एक गठन है, एक जीवन शैली है। यह जीवन जीने का एक तरीका है।” वह बेलगावी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने हिंदुत्व पर सतीश जारकीहोली की टिप्पणी को लेकर कहा, “मैंने कई किताबें पढ़ी हैं… हिंदू शब्द कहां से आया… ‘हिंदू’ कोई धर्म नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीयता है।”
इस बीच, बीजेपी की राज्य इकाई ने सतीश जरकीहोली के बयानों की निंदा करते हुए राजधानी बेंगलुरु में एक विरोध मार्च निकाला। इससे पहले जारकीहोली ने सोमवार (09 नवंबर, 2022) को बेलगावी में कहा था, ‘हिंदू’ शब्द- इसकी उत्पत्ति कहां से हुई … यह ईरान, इराक, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान के क्षेत्र का फारसी शब्द है। ‘हिन्दू’ शब्द का भारत से क्या संबंध है? फिर आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं? इस पर बहस होनी चाहिए… ‘हिंदू’ का मतलब जानकर आपको शर्म आएगी।” जरकीहोली अभी भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं और उनका कहना है कि उनकी टिप्पणियों में कुछ भी गलत नहीं था।
मंगलवार को उन्होंने दोहराया कि कई पुस्तकों में ‘हिंदू’ शब्द की फारसी जड़ों का उल्लेख है। अगर कोई उन्हें गलत साबित कर सकता है तो वह इस्तीफा दे देंगे। वहीं, मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने टिप्पणी की निंदा की और इसे “राष्ट्र-विरोधी” बताया। मुख्यमंत्री ने कहा, “राहुल गांधी इस मुद्दे पर चुप हैं। वह मंदिरों में जाते हैं और पूजा करते हैं, फिर भी परोक्ष रूप से ऐसे बयानों का समर्थन करते हैं। इस तरह का दोहरा रुख कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं है।”
वहीं, कांग्रेस नेता के इस बयान से पार्टी ने पहले ही खुद को अलग कर लिया और “स्पष्ट रूप से” इसकी निंदा की। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, “मुझे नहीं पता कि किस किताब में यह उल्लेख किया गया है कि ‘हिंदू’ भारत से उत्पन्न नहीं हुआ है, लेकिन हमारी पार्टी अपना रुख नहीं बदलेगी। सतीश जारकीहोली ने जो कहा है हम उसकी निंदा करते हैं। बीजेपी जो कहना या करना चाहती है वो करे।”