गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पथराव और दंगों के आरोपी पांच कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी है। इन पांच कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की कथित ‘हिंदू विरोधी टिप्पणियों’ को लेकर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प शुरू करने का आरोप था। इसके बाद पथराव की घटना हुई थी। इस झड़प में कई लोगों को चोट आई थी।
कांस्टेबल की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला
पांच आरोपियों के नाम 23 वर्षीय हर्ष ईश्वरभाई परमार, 50 वर्षीय विमलभाई पंसारा, 47 वर्षीय मनीष ठाकोर, 57 वर्षीय संजय बारोट और 68 वर्षीय मुकेशभाई दतनिया हैं। पालडी पुलिस स्टेशन के कांस्टेबल कर्मराज भगवतसिंह की शिकायत के आधार पर इन पांचों को गिरफ्तार किया गया था।
कांग्रेस नेताओं शहजाद खान पठान (अहमदाबाद नगर निगम में कांग्रेस के विपक्ष के नेता) और प्रगतिबेन नंदनिया के साथ-साथ लगभग 200-250 लोगों के खिलाफ कथित दंगे, पथराव और अन्य अपराधों के लिए बीएनएस के तहत एक FIR दर्ज की गई थी। इसके अलावा 150-200 भाजपाइयों की भीड़ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
2 जुलाई को हुई थी घटना
2 जुलाई को पत्थरबाजी की घटना के बाद दो शिकायतों के आधार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एक एफआईआर पुलिस कांस्टेबल द्वारा और दूसरी अहमदाबाद शहर के भाजपा युवा मोर्चा विंग प्रमुख द्वारा दर्ज कराई गई थी। बापूनगर के पूर्व विधायक और अहमदाबाद शहर कांग्रेस कमेटी के प्रमुख हिम्मतसिंह पटेल की शिकायत के आधार पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के सदस्यों के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील हृदय बुच ने अदालत में कहा कि पांचों में से किसी ने भी अपराध करने में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाई है और बताया कि अन्य एफआईआर में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
आरोपों और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जस्टिस एमआर मेंगडे की अदालत ने पांच आरोपियों को रिहा करने का निर्देश दिया और प्रति व्यक्ति 10,000 रुपये का जमानत बांड भरने का आदेश दिया। इससे पहले 11 जुलाई को अहमदाबाद कोर्ट ने घटना की तस्वीरें और सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पांचों आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।