दिल्ली प्रदेश कांग्रेस इस बार नगर निगम चुनाव में नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता देगी। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का निर्देश है कि निगम चुनाव में 50 से 70 फीसद तक युवाओं को तरजीह दी जाए। बशर्ते निगम चुनाव में आवेदन अनिवार्य होगा। नेता पुत्र-पुत्रियों को भी आवेदन करना होगा और टिकट देते हुए यह प्रयास होगा कि सामाजिक क्षेत्र में जिन्होंने बीते कई वर्ष तक काम किया है उन्हें प्रतिनिधित्व जरूर मिले।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शनिवार को जिला अध्यक्षों की बैठक हुई। इस दौरान उनसे चुनाव में जुट जाने का आह्वान किया गया। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने जनसत्ता को बताया कि इस बार का निगम चुनाव चौंकाने वाला होगा और अभी हम कुछ ज्यादा नहीं कह रहे लेकिन भाजपा और आप को इस बार हमारी रणनीति से पस्त होना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी ने देश हित में और कोरोना के दौरान जिस प्रकार दिल्ली की जनता की सेवा की है और जरूरत मंदों के घर-घर राशन पहुंचाने से लेकर मरहूम लोगों को आर्थिक और मानसिक सहयोग किया है उसका प्रतिफल इस चुनाव में पार्टी को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में लंबे समय से कांग्रेस में रहने वाले और दो से चार बार तक पार्षद की कुर्सी पर टिके होने के बाद इस बार पार्टी को दगा देकर दूसरे दलों में जाने वाले अब खुद ही पछतावा कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और दक्षिण निगम में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त की सीट आरक्षित हो गई है। उत्तरी निगम में नेता प्रेरणा सिंह की सीट सामान्य और पूर्वी निगम में नेता रिंकू के सीट भी सामान्य होने से उन्हें दूसरे सीटों पर लड़वाने की कवायद चल रही है।
गौरतलब है कि पार्टी का मानना है कि युवा और नए चेहरे इस बार निगम चुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे। जीतने वाले उम्मीदवारों के क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। वैसे उम्मीदवारों के लिए अगर उनके सीट रोटेशन में बदल गए हैं तो उनके लिए बगल वाली सीट या अन्य सीटों पर भी विचार किया जाएगा।
जमीनी स्तर पर काम करने वाले और कोरोना के दौरान सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय लोगों को पार्टी इस बार टिकट देने में प्राथमिकता देगी। कांग्रेस पार्टी ने यह भी फैसला किया है कि जो जिस श्रेणी में हैं उन्हें उसी श्रेणी के सीट पर लड़वाया जाए। वहीं एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। वार्ड से बाहर वाले को टिकट शायद नहीं मिलेगा।